अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वार्ता से विवाद सुलझाने के लिए प्रतिबद्धता जताए चीन: ऑस्ट्रेलिया

Richard Marles
ANI Photo.

दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में दिए संबोधन में ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मारलेस ने कहा कि नयी दिल्ली और कैनबेरा के बीच बढते रक्षा संबंधों को बीजिंग के विरोध के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।

नयी दिल्ली| ऑस्ट्रेलिया ने बुधवार को कहा कि यह जरूरी है कि चीन, भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में गतिरोध को सुलझाने की दिशा में प्रतिबद्धता दिखाए और यह अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत संवाद के जरिये होनी चाहिए।

दिल्ली स्थित राष्ट्रीय रक्षा महाविद्यालय में दिए संबोधन में ऑस्ट्रेलिया के उप प्रधानमंत्री रिचर्ड मारलेस ने कहा कि नयी दिल्ली और कैनबेरा के बीच बढते रक्षा संबंधों को बीजिंग के विरोध के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए।

उन्होंने परोक्ष रूप से पूर्वी लद्दाख का उदाहरण देते हुए कहा कि नियम आधारित व्यवस्था हर जगह मायने रखती है, जिसमें दुनिया का सबसे ऊंचा स्थल भी शामिल है। गलवान घाटी में हुए संघर्ष का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारतीय बलों पर हुआ हमला एक चेतावनी थी जिसे हम सबको समझना चाहिए।

ऑस्ट्रेलिया भारत की संप्रभुता के लिए खड़ा रहा और अब भी उसके साथ है।” उन्होंने कहा, “यह जरूरी है कि चीन अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत वार्ता की प्रक्रिया से विवाद का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्धता जताए।

वैश्विक नियम आधारित व्यवस्था हर जगह मायने रखती है, चाहे वह दुनिया की सबसे ऊंची जगह ही क्यों न हो।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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