‘‘हर कीमत’’ पर करेंगे अपने सुरक्षा हितों की रक्षा: चीन

China warns India to ''correct its mistakes'', says easier to shake a mountain than PLA
[email protected] । Jul 24 2017 2:42PM

चीन ने सिक्किम सेक्टर में भारत के साथ जारी गतिरोध के बीच आज कहा कि उसकी संप्रभुता ‘‘अक्षुण्ण’’ है और वह ‘‘हर कीमत’’ पर अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा।

बीजिंग। चीन ने सिक्किम सेक्टर में भारत के साथ जारी गतिरोध के बीच आज कहा कि उसकी संप्रभुता ‘‘अक्षुण्ण’’ है और वह ‘‘हर कीमत’’ पर अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा। चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वु क्यान ने गतिरोध को सुलझाने के लिए इस सप्ताह होने वाली राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों (एनएसए) की वार्ता से पहले यह बयान दिया है। वु ने इस मामले में चीन का कट्टर रुख अपनाए रखते हुए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अपने देश की संप्रभुता की रक्षा करने का चीन का इरादा एवं संकल्प ‘‘अडिग’’ है।

उन्होंने पीपल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की 90वीं वर्षगांठ से पहले कहा, ‘‘चीन हर कीमत पर अपने सुरक्षा हितों की रक्षा करेगा। भारत को भाग्य पर चीजें नहीं छोड़नी चाहिए और कोई अवास्तविक भ्रम नहीं पालना चाहिए।’’ सिक्किम सेक्टर के डोकलाम इलाके में दोनों देशों के सैन्य बलों के बीच महीनेभर से जारी सैन्य गतिरोध पर टिप्पणी करते हुए वु ने भारत से ‘‘अपनी गलती सही करने की’’ अपील की। उन्होंने कहा कि पीएलए ने क्षेत्र में आपात कदम उठाए हैं और वह केंद्रित तैनाती एवं अभ्यास जारी रखेगी। उन्होंने कहा, ‘‘हम भारत से दृढ़ता से अपील करते हैं कि वह अपनी गलती को सुधारने के लिए व्यावहारिक कदम उठाए, भड़कावे की कार्रवाई बंद करे और सीमा क्षेत्र की शांति की संयुक्त रक्षा करने में चीन के साथ मिलकर काम करे।’’

वु का बयान ऐसे समय आया है जब राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल 27-28 जुलाई को होने वाली ब्रिक्स एनएसए बैठक में भाग लेने के लिए इस सप्ताह बीजिंग आएंगे। इस दौरान उनके अपने चीनी समकक्ष यांग जाइची से बातचीत करने की संभावना है। डोभाल और यांग दोनों सीमा वार्ता में दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि हैं। चीनी अधिकारियों ने कहा कि सैन्य बलों की वापसी के बिना भारत के साथ कोई वार्ता नहीं करने के चीन के सार्वजनिक रुख को ध्यान में रखते हुए दोनों अधिकारियों के बीच औपचारिक बैठक होने की संभावना नहीं है लेकिन वे गतिरोध समाप्त करने के लिए इसके इतर बातचीत कर सकते हैं।

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में कहा था कि चीन भूटान के साथ ‘ट्राई जंक्शन’ की यथास्थिति में एकपक्षीय बदलाव करना चाहता है जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है। उन्होंने कहा था कि भारत और चीन के बीच वर्ष 2012 में एक लिखित समझौता हुआ था कि इस ‘ट्राई जंक्शन’ बिंदु पर सीमाओं संबंधी निर्णय तीनों देश मिलकर करेंगे। सुषमा ने चीन पर बुलडोजरों एवं अन्य उपकरणों का इस्तेमाल कर सड़कों का निर्माण करने का आरोप लगाया जिसे लेकर भूटान ने चीन से लिखित शिकायत की है। सुषमा ने यह भी कहा कि भारत का पक्ष इस मामले में ‘‘अनुचित’’ नहीं है और सभी देश उसके साथ हैं। भूटान के साथ लगती सीमा के निकट डोकलाम क्षेत्र में भारत एवं चीन के बीच पिछले चार सप्ताह से गतिरोध चल रहा है। यह गतिरोध चीनी सेना के निर्माण दल के सड़क बनाने की कोशिश करने के बाद शुरू हुआ था। इस क्षेत्र का भारतीय नाम डोका ला है जिसे भूटान डोकालाम के रूप में मानता और चीन दावा करता है कि यह उसके डोंगलांग क्षेत्र का हिस्सा है।

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