जलवायुः भारत पेरिस समझौते पर न्यूयार्क में हस्ताक्षर करेगा

भारत जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते पर शुक्रवार को न्यूयार्क में हस्ताक्षर करेगा। इसे पिछले वर्ष दिसंबर में 190 से अधिक देशों ने स्वीकार किया था।

भारत जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते पर शुक्रवार को न्यूयार्क में हस्ताक्षर करेगा। इसे पिछले वर्ष दिसंबर में 190 से अधिक देशों ने स्वीकार किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आज इस समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने को मंजूरी प्रदान की गई। इसे फ्रांस की राजधानी में विभिन्न पक्षकारों के 21वें सम्मेलन के दौरान स्वीकार किया गया था। पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावडेकर 22 अप्रैल को भारत की तरफ से इस समझौते पर एक उच्च स्तरीय समारोह में हस्ताक्षर करेंगे। यह सम्मेलन संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने बुलाया है।

भारत ने एक सशक्त एवं ठोस जलवायु समझौते की वकालत की है जो जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र संधि (यूएनएफसीसीसी) के प्रावधानों और सिद्धांतों पर आधारित हो तथा यह समझौता भारत की सभी महत्वपूर्ण ‘चिंताओं और उम्मीदों’ को समाधान निकालने वाला हो। न्यूयार्क में होने वाले इस सम्मेलन के दौरान ऐतिहासिक पेरिस समझौते पर 150 से अधिक देशों के हस्ताक्षर करने की उम्मीद है। इस समझौते पर हस्ताक्षर किये जाने से जुडा आयोजन पेरिस समझौते को जल्द से जल्द लागू करना सुनिश्चित करने की दिशा में कदम होगा।

बहरहाल, पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर के लिए न्यूयॉर्क के लिए रवाना होने के अवसर पर पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि इस विषय पर 100 बिलियन डॉलर जुटाने का लक्ष्य अभी भी विचार-विमर्श के चरण में है और इसके लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं दी गई है। जावड़ेकर ने कहा कि भारत ने कोयले पर छह डॉलर (400 रुपये) प्रति टन का स्वच्छ वातावरण उपकर लागू किया है। विकसित देश अगर अपने कोयले उत्पादन पर कर लगाने के लिए भारत की पहल का अनुसरण करे, तो अपेक्षित निधि जुटायी जा सकती है। उन्होंने कहा कि विकसित विश्व को जलवायु परिवर्तन के विरूद्ध लड़ाई में विकासशील देशों के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करनी चाहिए। जावड़ेकर का 23 और 24 अप्रैल, 2016 को प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के मंच की बैठक में भी भाग लेने का कार्यक्रम है। पेरिस समझौते के बाद जलवायु परिवर्तन पर भारत की कार्रवाई का ब्यौरा देते हुए जावड़ेकर ने कहा कि 2022 तक 175 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 40 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता मार्च 2016 तक अर्जित की जा चुकी है।

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