श्रीलंका के साथ विशेष मित्रता को मजबूत करने को प्रतिबद्ध : भारत के नवनियुक्त उच्चायुक्त

Ranil Wickramasinghe
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नए उच्चायुक्त ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को धन्यवाद दिया कहा कि वह भविष्य में रचनात्मक गतिविधियों के लिए तत्पर हैं। वह 2019-2020 तक उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत रहे और 2017-2019 तक वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में उप मिशन प्रमुख रहे। उन्होंने नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय में अहम पद संभाले हैं जिनमें मानव संसाधन और प्रबंधन मामलों के प्रभाग के प्रमुख, पश्चिमी यूरोप और यूरोपीय संघ के साथ संबंधों के प्रभाग और नीति योजना प्रभाग के प्रमुख का पद शामिल है। झा ने 2007 से 2010 तक कोलंबो उच्चायोग में काउंसलर के रूप में भी काम किया और वाणिज्य तथा आर्थिक मामलों से जुड़े दायित्व संभाले।

श्रीलंका में भारत के नए उच्चायुक्त संतोष झा ने प्रभार संभाल लिया है और शुक्रवार को उन्होंने यहां राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को अपना परिचय पत्र सौंपा। इस मौके पर उन्होंने द्विपीय देश के साथ विशेष मित्रता को और मजबूत करने के लिए काम करने का संकल्प लिया। झा ने गोपाल बागले का स्थान लिया है जिन्हें ऑस्ट्रेलिया में भारत का अगला उच्चायुक्त नियुक्त किया गया है। वरिष्ठ राजनयिक झा कोलंबो में प्रभार संभालने से पहले यूरोपीय संघ, बेल्जियम और लग्जमबर्ग में भारत के राजूदत रह चुके हैं। उनके पास क्रमशः श्रीलंका और यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के लिए बातचीत करने वाली टीमों के सदस्य के रूप में सेवा देने का अनुभव है। श्रीलंका के राष्ट्रपति के मीडिया प्रभाग द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि श्रीलंका में भारत के नए उच्चायुक्त के रूप में झा, भारत और श्रीलंका के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के इच्छुक हैं।

नवनियुक्त भारतीय उच्चायुक्त ने राष्ट्रपति विक्रमसिंघे की अतिथि पुस्तिका में लिखा कि भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक, भौगोलिक, सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच गहरे संबंध हैं। झा ने दशकों से राजनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा क्षेत्रों में संबंधों की वृद्धि पर प्रकाश डाला और श्रीलंका के करीबी पड़ोसी, सबसे बड़े व्यापार भागीदार और एक प्रमुख विकास भागीदार के रूप में भारत की भूमिका पर जोर दिया। झा ने दोनों देशों के बीच विशेष मित्रता को मजबूत करने, व्यापार, निवेश, ऊर्जा, संपर्क और अन्य क्षेत्रों में घनिष्ठ सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने अपने लक्ष्यों को दोनों देशों के नेताओं द्वारा सहमत दृष्टिकोण पत्र से साझा करते हुए विश्वास व्यक्त किया उनके सहयोग से साझा समृद्धि, प्रगति और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

नए उच्चायुक्त ने गर्मजोशी से स्वागत के लिए राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को धन्यवाद दिया कहा कि वह भविष्य में रचनात्मक गतिविधियों के लिए तत्पर हैं। वह 2019-2020 तक उज्बेकिस्तान में भारत के राजदूत रहे और 2017-2019 तक वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में उप मिशन प्रमुख रहे। उन्होंने नयी दिल्ली में विदेश मंत्रालय में अहम पद संभाले हैं जिनमें मानव संसाधन और प्रबंधन मामलों के प्रभाग के प्रमुख, पश्चिमी यूरोप और यूरोपीय संघ के साथ संबंधों के प्रभाग और नीति योजना प्रभाग के प्रमुख का पद शामिल है। झा ने 2007 से 2010 तक कोलंबो उच्चायोग में काउंसलर के रूप में भी काम किया और वाणिज्य तथा आर्थिक मामलों से जुड़े दायित्व संभाले।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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