चर्च में हत्याओं का दोषी व्यक्ति यहूदी और भारतीय वकीलों को करना चाहता है बर्खास्त
![Convicted church killer wants to fire Jewish and Indian lawyers Convicted church killer wants to fire Jewish and Indian lawyers](https://images.prabhasakshi.com/2017/9/_650x_2017091917301205.jpg)
वर्ष 2015 में नौ अश्वेत ईसाई अनुयायियों की हत्या के लिए मौत की सजा पाए श्वेत व्यक्ति ने संघीय अपीली अदालत से कहा कि वह अपने अपीलकर्ता वकीलों को बर्खास्त करना चाहता है क्योंकि उनमें से एक यहूदी है और दूसरा भारतीय-अमेरिकी है।
कोलंबिया। वर्ष 2015 में नौ अश्वेत ईसाई अनुयायियों की हत्या के लिए मौत की सजा पाए श्वेत व्यक्ति ने संघीय अपीली अदालत से कहा कि वह अपने अपीलकर्ता वकीलों को बर्खास्त करना चाहता है क्योंकि उनमें से एक यहूदी है और दूसरा भारतीय-अमेरिकी है। यह श्वेत व्यक्ति श्वेतों को सर्वश्रेष्ठ मानता है। वजीर्निया के रिचमंड में फोर्थ यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में कल दायर हस्तलिखित अनुरोध में डायलान रूफ ने लिखा कि उसके वकीलों की पृष्ठभूमि ‘‘प्रभावी संवाद में एक बाधा है।’’ रूफ ने लिखा, ‘‘उनकी जातीयता के कारण यह लगभग असंभव ही है कि मेरे मुकदमे में हमारे हित समान हों।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विवादास्पद तरीके से धार्मिक राजनीतिक विचारों के कारण मेरे लिए उन दो वकीलों पर विश्वास करना असंभव होगा, जो मेरे राजनीतिक एवं जैविक शत्रु हैं।’’ रूफ (23) को इस साल की शुरूआत में मौत की सजा सुनाई गई थी। ज्यूरी ने उसे दर्जनों आरोपों का दोषी करार दिया था, जिनमें संघीय घृणा अपराध और धर्मपालन में बाधा पैदा करने का दोषी ठहराया गया था। उसपर ये आरोप चार्लेस्टन एमेनुएल एएमई में बाइबल का अध्ययन कर रहे नौ लोगों की गोली मारकर हत्या करने पर लगे थे। यह चर्च दक्षिण के सबसे पुराने अश्वेत चर्चों में से एक है।
रूफ ने अधिकारियों को बताया कि वह जून 2015 के जनसंहार के साथ नस्लयुद्ध शुरू करना चाहता था। इस दौरान हस्तलिखित पत्रिकाएं भी पेश की गईं, जिनमें नाजी प्रतीक बने थे। इसके अलावा रूफ की ऐसी निजी चीजें भी पेश की गईं, जिनमें श्वेत नस्ल की जैविक उत्कृष्टता दिखाई गई थी। रूफ के मामले की सुनवाई का मूल बिंदू यह था कि उसने अपने बचाव दल को हटाने और उसे खुद अपना पक्ष रखने का मौका देने का अनुरोध किया। एक जज ने माना कि रूफ खुद अपने वकील के रूप में अपना पक्ष रख सकता है। अपना पक्ष रखते हुए रूफ ने न कोई गवाह पेश किया और न ही साक्ष्य।
उसने कहा कि वह जजों की दया नहीं चाहता। रूफ ने कहा, ‘‘मुझे आपसे उम्रकैद मांगने का हक है लेकिन मुझे नहीं पता कि उससे क्या अच्छा होगा। मुझे अभी भी लगता है कि मुझे ऐसा करना ही था।’’ मई में, रूफ ने इसी अपीली अदालत से अनुरोध किया था कि वह उक्त मामले में उसकी दोषसिद्धि और मौत की सजा को उलट दे।
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