ईरान के परमाणु हथियार उसी के लिए बन जाएंगे काल? इजरायल के अटैक के बाद क्या न्यूक्लियर लीक करने लगा

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ChatGPT/ANI
अभिनय आकाश । Jun 18 2025 1:11PM

ईऱान लगातार तेल अवीव पर मिसाइलें दाग रहा है। पूरे इजरायल में लोग इस वक्त बंकर में जा चुके हैं। ईरान का इजरायल को खंडहर करने की मंशा जो पकड़ रही है। इसके पीछे की वजह ईरान की कई सालों की मेहनत मिट्टी में मिल गई। सबसे ज्यादा नुकसान ईरान को नतांज में हुआ। भारी मात्रा में यहां यूरेनियम मौजूद था। इजरायल ने कहा था कि ईरान इसी महीने के अंदर दो परमाणु बम बनाने वाला था।

इजरायल और ईरान के बीच इस वक्त भीषण जंग छिड़ी है। इजरायल इस तरीके से ईरान पर आफत बनकर टूटा है। ईरान अपने ऊपर हुए हमलों का जवाब दे रहा है। ईरान साफ कर चुका है कि वो किसी भी कीमत पर सीजफायर नहीं करने वाला है। वहीं अमेरिका का अगला कदम क्या रहने वाला है ये कोई नहीं जानता है। जी7 बैठक को बीच में छोड़कर ट्रंप का वापस अपने देश लौटना इस बात के संकेत दे रहा है कि कुछ न कुछ अमेरिका बड़ा जरूर करेगा। ईरान भी झुकता नजर नहीं आ रहा है। ईऱान लगातार तेल अवीव पर मिसाइलें दाग रहा है। पूरे इजरायल में लोग इस वक्त बंकर में जा चुके हैं। ईरान का इजरायल को खंडहर करने की मंशा जो पकड़ रही है। इसके पीछे की वजह ईरान की कई सालों की मेहनत मिट्टी में मिल गई। सबसे ज्यादा नुकसान ईरान को नतांज में हुआ। भारी मात्रा में यहां यूरेनियम मौजूद था। इजरायल ने कहा था कि ईरान इसी महीने के अंदर दो परमाणु बम बनाने वाला था। 

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अमेर‍िकी संस्‍था साइंस एंड इंटरनेशनल सिक्‍योरिटी ऑर्गनाइजेशन की ओर से जारी सैटेलाइट तस्‍वीरों में जमीन के ऊपर भारी नुकसान नजर आया है। परंतु भूमिगत सेंट्रीफ्यूज हॉल को नुकसान पहुंचा या नहीं, इस पर स्‍पष्‍टता नहीं है। इसी बीच अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने कहा कि इजरायल भूमिगत कैस्केड हॉल को नष्ट नहीं कर पाया। संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि इजरायली हमलों के बाद नतांज स्थित ईरान के मुख्य परमाणु संवर्धन संयंत्र में रेडियोलॉजिकल और रासायनिक दोनों तरह के संदूषण की संभावना है, हालांकि परिसर के बाहर विकिरण का स्तर फिलहाल सामान्य है। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के महानिदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने कहा कि अगर यूरेनियम को सांस के साथ अंदर लिया जाए या निगला जाए तो विकिरण एक बड़ा खतरा पैदा करता है। ग्रॉसी ने कहा कि उचित सुरक्षात्मक उपायों, जैसे कि सुविधाओं के अंदर श्वसन सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करके जोखिम को प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जा सकता है। 

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आईएईए की रिपोर्ट के अनुसार, बिजली सप्लाई बाधित होने से रेड‍िएशन फैलने की आशंका बनी हुई है। हालांकि अभी साइट के बाहर हालात सामान्‍य द‍िख रहे हैं और कोई बड़ी अनहोनी नहीं हो रही। अगर रेडिएशन फैला, तो इसका असर इंसानों, जानवरों और पर्यावरण पर बेहद खतरनाक हो सकता है। सबसे पहले नजदीकी इलाकों के लोग बीमार पड़ सकते हैं, जैसे सांस लेने में दिक्कत, कैंसर का खतरा या प्रेग्‍नेंसी से जुड़ी द‍िक्‍कतें हो सकती हैं।

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