महिलाओं, बच्चों को दासता में धकेल रहे अल साल्वाडोर के गिरोह

संयुक्त राष्ट्र में दासता के मुद्दे पर विशेष अधिकारी ने कहा है कि अल साल्वाडोर में सक्रिय हिंसक समूह महिलाओं और बच्चों को यौन एवं अन्य तरह की दासता के लिए मजबूर कर रहे हैं।

सान साल्वाडोर। संयुक्त राष्ट्र में दासता के मुद्दे पर विशेष अधिकारी ने कहा है कि अल साल्वाडोर में सक्रिय हिंसक समूह महिलाओं और बच्चों को यौन एवं अन्य तरह की दासता के लिए मजबूर कर रहे हैं। समकालीन दासता के मुद्दे पर पड़ताल के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से नियुक्त दक्षिण अफ्रीका की मानवाधिकारों की पैरोकार उर्मिला भूला ने शुक्रवार को कहा कि ये गिरोह लड़कियों, किशोरों और महिलाओं को बगैर वेतन के घरेलू सहायक के तौर पर काम करने और ‘‘यौन क्रियाओं में हिस्सा लेने’’ के लिए दबाव बना रहे हैं।

कुछ मामलों में तो उन्हें गिरोह के जेल में बंद सदस्यों के साथ वैवाहिक जीवन बिताने के लिए भी बाध्य किया जाता है। भूला ने शुक्रवार को अल साल्वाडोर की अपनी 10 दिवसीय यात्रा पूरी की। उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि अल सल्वाडोर की सरकार इस तरह के कृत्यों को खत्म करने के मकसद से कदम उठाने के लिए कृतसंकल्प है और पीड़ितों को न्याय तथा मुआवजा प्रदान करना चाहती है। साल्वाडोर के अधिकारियों ने बताया कि ये गिरोह अक्सर फिरौती लाने ले जाने या पुलिस अथवा विरोधी गुटों के बारे में उन्हें सचेत के लिए नाबालिगों का इस्तेमाल करते हैं।

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