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ट्रंप प्रचार अभियान के पूर्व सहयोगी ने रूस जांच निगरानी मामले में वाद दायर किया
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- नवंबर 29, 2020 11:30
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अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले चुनाव प्रचार अभियान के एक सहयोगी ने एक संघीय वाद में कहा है कि वह ‘‘गैरकानूनी तरीके से जासूसी’’ के शिकार हुए हैं।
वाशिंगटन। अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पिछले चुनाव प्रचार अभियान के एक सहयोगी ने एक संघीय वाद में कहा है कि वह ‘‘गैरकानूनी तरीके से जासूसी’’ के शिकार हुए हैं। रूस के कथित रूप से दखल मामले में एफबीआई की जांच के दौरान वह गोपनीय निगरानी वारंट (आदेश) का शिकार हुए थे। कार्टर पेज की ओर से दायर वाद में एफबीआई और न्याय विभाग के अधिकारियों द्वारा 2016 और 2017 में विदेश खुफिया निगरानी अदालत को सौंपी गईं अर्जियों में की गई अनेक ऐसी गलतियों का आरोप लगाया गया है जो उन्होंने कार्टर पर रूस का एजेंट होने के संदेह में उनकी बात छिप कर सुनने के संबंध में लिखी थीं।
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वाद में कहा गया, ‘‘रूस के साथ डॉ पेज के संबंध के बारे में चूंकि कोई भी तथ्य कभी प्रमाणित नहीं किया जा सका, इसलिए उन्हें निशाना बनाने के लिए एफआईएसए वारंट की मांग या उसे हासिल करने की कभी कोई जरूरत ही नहीं थी।’’
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इस चुनिंदा तरीके से की गई निगरानी की मंजूरी देने में शामिल एफबीआई और न्याय विभाग के पूर्व अधिकारियों ने अपनी गवाही में कहा कि अगर उन्हें पता होता कि मुद्दे इस हद तक जाएंगे तो उन्होंने ऐसा नहीं किया होता, और एफबीआई ने अदालत में आवेदनों की सत्यता और पूर्णता के लिए 40 से भी अधिक सुधारात्मक कदम उठाए हैं। शुक्रवार को वाशिंगटन की संघीय अदालत में दायर वाद में कहा गया कि एफबीआई ने क्रिस्टोफर स्टीले की सूचनाओं पर जरूरत से ज्यादा भरोसा किया, जो ब्रिटेन के पूर्व जासूस थे और 2016 के चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप और रूस के बीच कथित संबंध के बारे में उनकी पड़ताल के लिए डेमोक्रेट्स ने धन दिया था।
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने जापान, दक्षिण कोरिया और ब्रिटेन के अपने समकक्षों से की बातचीत
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 24, 2021 11:30
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पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘‘ऑस्टिन और किशी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा मुद्दों के वृहद आयाम पर चर्चा की और कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बाद भी सहयोगी देशों की तैयारी सुनिश्चित रखने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।’’
वाशिंगटन। अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने जापान, ब्रिटेन और दक्षिण कोरिया के अपने समकक्षों से बातचीत की। पेंटागन ने यह जानकारी दी। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि जापान के रक्षा मंत्री नोबुओ किशी से बातचीत के दौरान ऑस्टिन ने अमेरिका-जापान गठबंधन के प्रति अमेरिका की प्रतिबद्धताओं को दोहराया और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बरकरार रखने के महत्व पर जोर दिया। किर्बी ने कहा, ‘‘ऑस्टिन और किशी ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रक्षा मुद्दों के वृहद आयाम पर चर्चा की और कोविड-19 महामारी की चुनौतियों के बाद भी सहयोगी देशों की तैयारी सुनिश्चित रखने पर विचारों का आदान-प्रदान किया।’’
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किर्बी ने बताया कि किशी ने ऑस्टिन को रक्षा मंत्री बनने की बधाई दी। ऑस्टिन ने ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वलास से बातचीत की और दोनों देशों के बीच विशेष संबंधों के महत्व को दोहराया। दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच कोविड-19 महामारी से निपटने, चीन के बढ़ते प्रभाव और रूस की तरफ से पेश आ रहे खतरों से निपटने, इराक और अफगानिस्तान में अभियानों समेत कई आपसी हित वाले मुद्दों पर चर्चा हुई। रक्षा मंत्री ऑस्टिन ने दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्री सुह वुक से भी बातचीत की और दोनों ही देशों के बीच करीबी सहयोग की जरूरत पर जोर देते हुए प्रगाढ़ संबंधों का जिक्र किया। ऑस्टिन ने दक्षिण कोरिया की रक्षा करने के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धताओं को रेखांकित किया। दोनों ही मंत्रियों ने कोरियाई प्रायद्वीप में रक्षा स्थितियों पर भी चर्चा की।
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वहीं, ऑस्टिन ने कार्यभार संभालने के बाद पहली बार निर्देश देते हुए रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों से कहा है कि वे उन्हें सेना में यौन हमले और यौन उत्पीड़न को रोकने से संबंधित कार्यक्रमों की रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर भेजें। इसके साथ ही वे यह भी बताएं कि यौन हमलों को रोकने में कौन से कार्यक्रम कारगर रहे और कौन से कार्यक्रम कारगर नहीं रहे। ऑस्टिन ने रक्षा मंत्री के तौर पर अपने नाम की पुष्टि होने वाली सुनवाई के दौरान पिछले सप्ताह सीनेटरों से वादा किया था कि वह सेना में यौन हमले और यौन उत्पीड़न की समस्याओं से तत्काल निपटेंगे।
चीन में सोने की खदान में फंसे एक और खनिक का पता लगा, फंसे खनिकों को पहुंचाया जा रहा भोजन
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 24, 2021 11:19
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खबर के मुताबिक इन खनिकों की मानसिक एवं शारीरिक हालत ठीक है। हालांकि एक खनिक की मौत हो चुकी है। शिन्हुआ की रिपोर्ट में बताया गया कि फंसे कामगारों को बाहर निकालने के प्रयास अभी जारी हैं और इस बीच उन्हें सामान्य भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
बीजिंग। देश के पूर्वी शांगदोंग प्रांत में सोने की खदान में दो हफ्ते पहले हुए विस्फोट के बाद से उसमें फंसे खनिकों में से एक और खनिक का पता चीन के बचावकर्ताओं को रविवार को लगा। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि वह खनिक बहुत कमजोर हो चुका है तथा बचावकर्ता उसे खदान से बाहर निकालने के प्रयास कर रहे हैं। प्रांत के यनताई स्थित क्विशिया में सोने की खदान में दस जनवरी को विस्फोट होने के बाद 22 खनिक करीब 600 मीटर की गहराई में फंस गए थे। रविवार से पहले बचावकर्ता केवल दस खनिकों के साथ संपर्क स्थापित कर पाए थे। शिन्हुआ की खबर के मुताबिक इन खनिकों की मानसिक एवं शारीरिक हालत ठीक है। हालांकि एक खनिक की मौत हो चुकी है।
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शिन्हुआ की रिपोर्ट में बताया गया कि फंसे कामगारों को बाहर निकालने के प्रयास अभी जारी हैं और इस बीच उन्हें सामान्य भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसमें बताया गया कि बचे हुए कामगारों को पहले तो पोषक द्रव्य दिया गया लेकिन अब बचावकर्ता उन तक नियमित रूप से भोजन-पानी पहुंचा पा रहे हैं। खदान में फंसे लोगों तक कपड़े तथा अन्य सामग्रियां भी पहुंचाई जा रही हैं। बचावकर्ताओं का अनुमान है कि कामगारों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए और दो हफ्ते लगेंगे।
कोरोना के खिलाफ जंग में भारत और PM मोदी के सहयोग का मुरीद हुआ WHO, कही ये बात
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 23, 2021 18:13
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डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में आपके लगातार सहयोग के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। ’’ प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत का टीके का उत्पादन और आपूर्ति क्षमता का उपयोग कोविड-19 महामारी से लड़ाई में समस्त मानवजाति की भलाई के लिए किया जाएगा।
जिनेवा। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) प्रमुख टेड्रोस अधानोम गेब्रेयसस ने कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में लगातार सहयोग करने को लेकर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का शुक्रिया अदा किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि जानकारी साझा करने सहित साथ मिल कर काम करने से इस महामारी से निपटने में मदद मिलेगी। भारत ने इस हफ्ते घोषणा की है कि वह श्रीलंका और आठ अन्य देशों -- भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यामां, सेशल्स, अफगानिस्तान और मॉरीशस को सहायता के तहत कोविड-19 के टीके भेजेगा। भारत की नीति ‘‘पड़ोसी पहले ’’ के अनुरूप नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और मालदीव को सहायता के तहत कोविड-19 के टीके भेजे जा चुके हैं।
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डब्ल्यूएचओ महानिदेशक ने ट्वीट किया, ‘‘कोविड-19 के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में आपके लगातार सहयोग के लिए भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। ’’ प्रधानमंत्री ने कहा है कि भारत का टीके का उत्पादन और आपूर्ति क्षमता का उपयोग कोविड-19 महामारी से लड़ाई में समस्त मानवजाति की भलाई के लिए किया जाएगा। उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि भारत एक स्वस्थ धरती के लिए हर संभव कदम उठाने के लिए तैयार है।
Thank you #India and Prime Minister @narendramodi for your continued support to the global #COVID19 response. Only if we #ACTogether, including sharing of knowledge, can we stop this virus and save lives and livelihoods.
— Tedros Adhanom Ghebreyesus (@DrTedros) January 23, 2021

