ग्लेशियर पिघला, विश्व समुदाय को आगाह करते हुए लोगों ने निकाली ‘अंतिम यात्रा’
हिमनद के विशेषज्ञ मैथियेस ह्यूस ने अपने भावुक संबोधन में कहा कि हम यहां पिजोल को अलविदा कहने आए हैं। स्विस एसोसिएशन फॉर क्लाइमेट प्रोटेक्शन एलेसैंड्रा डेगियेकोमी ने इस कार्यक्रम से पहले कहा कि पिजोल इतना ज्यादा पिघल चुका है कि वैज्ञानिक संदर्भ में वह अब हिमनद नहीं रह गया है।
मेल्स। स्विट्जरलैंड में एक अल्पाइन हिमनद (ग्लेशियर) के पिघल जाने पर जलवायु परिवर्तन को लेकर बढ़ रहे खतरों के बारे में विश्व समुदाय को आगाह करने की कोशिश के तहत दर्जनों लोगों ने काले कपड़े पहनकर ‘अंतिम यात्रा’ निकाली। करीब 250 लोग दो घंटे की लंबी चढ़ाई के बाद पिजोल शिखर तक पहुंचे। पूर्वोत्तर स्विट्जरलैंड में, करीब 2,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह जगह ऑस्ट्रिया की सीमा के नजदीक है और यहां तेजी से बर्फ पिघल रही है।
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हिमनद के विशेषज्ञ मैथियेस ह्यूस ने अपने भावुक संबोधन में कहा कि हम यहां पिजोल को अलविदा कहने आए हैं। स्विस एसोसिएशन फॉर क्लाइमेट प्रोटेक्शन एलेसैंड्रा डेगियेकोमी ने इस कार्यक्रम से पहले कहा कि पिजोल इतना ज्यादा पिघल चुका है कि वैज्ञानिक संदर्भ में वह अब हिमनद नहीं रह गया है।रविवार का यह मार्च ऐसे समय में हुआ जब संयुक्त राष्ट्र में युवा पर्यावरण कार्यकर्ताओं और विश्व के नेताओं की जलवायु परिवर्तन पर बैठक चल रही है।
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