अमेरिकी संसद भवन पर हुए घातक हमले की जांच पर ट्रंप समर्थकों ने लगाई रोक

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रिपब्लिकन पार्टी ने कैपिटल दंगा मामले की जांच बाधित कर दी है।रिपब्लिकन सांसदों ने इस कदम से ग्रैंड ओल्ड पार्टी (रिपब्लिकन पार्टी) के ट्रंप समर्थकों के हिंसक विद्रोह से राजनीतिक ध्यान हटाने के अपने दृढ़ निश्चय को भी दर्शाया।

वाशिंगटन। रिपब्लिकन पार्टी के सदस्यों ने अमेरिकी संसद भवन (कैपिटल) पर छह जनवरी को हुए हमले की जांच के लिए द्विपक्षीय समिति गठित करने के कदम को शुक्रवार को संसद में बाधित कर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रति पार्टी की वफादारी प्रदर्शित की। रिपब्लिकन सांसदों ने इस कदम से ग्रैंड ओल्ड पार्टी (रिपब्लिकन पार्टी) के ट्रंप समर्थकों के हिंसक विद्रोह से राजनीतिक ध्यान हटाने के अपने दृढ़ निश्चय को भी दर्शाया। संसद में समिति के गठन संबंधित विधेयक के पक्ष में 54 और वरोध में 35 मत पड़े जबकि सदन द्वारा इसे पारित कराने के लिए 60 मतों की जरूरत थी।

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अगर यह विधेयक पारित होता तो एक स्वतंत्र 10 सदस्यीय आयोग के गठन को अनुमति मिलती जिसमें दोनों पार्टी के पांच-पांच सदस्य होते। विधेयक पेश करने का यह कदम दो सदियों में इमारत पर हुए सबसे बुरे हमले में भीड़ से लड़ने वाली पुलिस, हमले में जान गंवाने वाले एक अधिकारी के परिवार और कैपिटल के कक्षों से भागे दोनों पार्टियों के सांसदों की ओर से आयोग के गठन को लेकर एक दिन पहले की गई भावुक अपील के बाद उठाया गया। रिपब्लिकन पार्टी के विरोध का अर्थ है कि हमले के लिए जिम्मेदारी कौन लेगा यह प्रश्न पक्षपातपूर्ण दृष्टि - कांग्रेस की समितियों के जरिए देखा जाता रहेगा, बजाय कि किसी बाहरी, स्वतंत्र समिति के जिसका गठन 11 सितंबर, 2001 के आतंकवादी हमलों की जांच के लिए बनाए गए आयोग के समान किया जाता।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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