Sri Lanka में आयकर और बिजली शुल्क में वृद्धि के खिलाफ सरकारी कर्मचारी हड़ताल पर

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देश भर के अधिकतर सरकारी अस्पतालों ने अपने बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाओं को निलंबित कर दिया है, क्योंकि चिकित्सक, नर्स और अन्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। रेलवे ने भी कम ट्रेनों का संचालन किया।

श्रीलंका के स्वास्थ्य, रेलवे, बंदरगाह और अन्य सरकारी विभागों के कर्मचारी आयकर और बिजली शुल्क में वृद्धि के विरोध में बुधवार को एक दिवसीय हड़ताल पर हैं। द्वीप राष्ट्र को अपनी संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था की मदद के वास्ते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 2.9 अरब डॉलर के राहत पैकेज की मंजूरी का इंतजार है। देश भर के अधिकतर सरकारी अस्पतालों ने अपने बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) की सेवाओं को निलंबित कर दिया है, क्योंकि चिकित्सक, नर्स और अन्य कर्मचारी हड़ताल पर हैं। रेलवे ने भी कम ट्रेनों का संचालन किया।

सशस्त्र सैनिक किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए स्टेशनों की सुरक्षा में तैनात नजर आए। श्रमिक संघों का कहना है कि देश के अभी तक के सबसे खराब आर्थिक संकट से उत्पन्न कठिनाइयों के बीच करों और बिजली शुल्क में वृद्धि ने उनकी परेशानियां और बढ़ा दी हैं। उन्होंने आगाह किया कि सरकार के उनकी मांगों पर गौर नहीं करने पर वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। वहीं सरकार का कहना है कि वह राजस्व बढ़ाने के लिए करों में वृद्धि करने के साथ ही बिजली महंगी करने को मजबूर है।

कर्ज में डूबे श्रीलंका ने आईएमएफ द्वारा बताए गए कर सुधारों के तौर पर कर और जन उपयोगी सेवाओं की दर बढ़ाने जैसे कदम उठाए हैं, जिससे जनता पर बोझ बढ़ गया है। आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जीवा ने पिछले हफ्ते कहा था कि बोर्ड 20 मार्च को बैठक करेगा, जिसमें चीन द्वारा महत्वपूर्ण ऋण पुनर्गठन आश्वासन दिए जाने के बाद श्रीलंका के राहत पैकेज की अंतिम मंजूरी पर विचार किया जाएगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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