Harris ने जाम्बिया में अपने नाना के घर का दौरा किया

Harris
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

गोपालन का जन्म 1911 में चेन्नई में हुआ था और वह जाम्बिया के पहले राष्ट्रपति केनेथ कौंडा के पहले सलाहकार थे। उन्होंने 1960 के दशक में भारत सरकार के संयुक्त सचिव के तौर पर अपनी सेवाएं दीं।

अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने जाम्बिया की अपनी यात्रा के दौरान भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी रहे अपने नाना पी वी गोपालन को याद किया और राजधानी लुसाका स्थित गोपालन परिवार के उस घर पर गयीं जहां वह 1960 के दशक में रहते थे। गोपालन का जन्म 1911 में चेन्नई में हुआ था और वह जाम्बिया के पहले राष्ट्रपति केनेथ कौंडा के पहले सलाहकार थे। उन्होंने 1960 के दशक में भारत सरकार के संयुक्त सचिव के तौर पर अपनी सेवाएं दीं।

हैरिस ने जाम्बिया के राष्ट्रपति हकाइंदे हिचिलेमा के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में लुसाका में पत्रकारों से कहा, ‘‘जाम्बिया की मेरी यात्रा मेरे लिए बहुत खास है जैसा कि आपमें से कई लोग जानते हैं। आप जानते हैं कि मैं बचपन में जाम्बिया आयी थी जब मेरे नाना यहां काम करते थे।’’ हैरिस ने बताया कि उनके नाना भारत में एक नौकरशाह थे। उन्होंने कहा, ‘‘1966 में जाम्बिया की आजादी के फौरन बाद वह राहत उपायों और शरणार्थियों के निदेशक के तौर पर काम करने लुसाका आए।

उन्होंने जाम्बिया के पहले राष्ट्रपति केनेथ कौंडा के सलाहकार के तौर पर काम किया। वह शरणार्थियों के पुनर्वास के विशेषज्ञ थे।’’ गोपालन 1960 के दशक में लुसाका के 16 इंडिपेंडेंस एवेन्यू में रहते थे जहां पर 58 वर्षीय हैरिस तब आई थींजब वह बच्ची थीं। व्हाइट हाउस के अधिकारी ने बताया कि पते के क्रम में बदलाव आ चुका है इसके बावजूद उक्त स्थान की पहचान सार्वजनिक दस्तावेजों में दर्ज भूखंड संख्या और भूमि सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर की गई।

हैरिस ने कहा, ‘‘ मैं यहां बिताए गए समय को शिद्दत से याद करती हूं। मैं बच्ची थी इसलिए बचपन की यादेंहैं। मुझे याद है कि यहां मैं रहती थी और कैसा महसूस करती थी, यहां पर आकर मैं खुश और उत्साहित हूं।’’ हैरिस ने बताया कि उन्होंने हाल में अपनी एक रिश्तेदार से बात की थी जिन्होंने लुसाका के अस्पताल में काम करने के दौरान बने रिश्तों को याद किया। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा परिवार और हम सभी यहां मौजूद लोगों का अभिवादन करते हैं।’’

गौरतलब है कि भारत सरकार ने पी वी गोपालन को जनवरी 1966 में राहत उपायों एवं शरणार्थियों के निदेशक के तौर पर जाम्बिया सरकार में तैनात किया था। इन कर्तव्यों को निभाने के लिए, उन्होंने पुनर्वास मंत्रालय में संयुक्त सचिव के कार्यालय के प्रमुख के पद से त्यागपत्र दे दिया था। जाम्बिया सरकार द्वारा कार्यमुक्त किए जाने के बाद जुलाई 1969 में गोपालन को भारत सरकार ने पुनर्वास मंत्रालय के संयुक्त सचिव का प्रभार दिया। उन्होंने दक्षिणी रोडेशिया (जिम्बाब्वे) से आने वाले शरणार्थियों का प्रबंधन करने में मदद की।

काफी प्रयासों के बाद लुसाका में अमेरिकी दूतावास ने जाम्बिया और भारतीय प्राधिकारियों के साथ मिलकर उस जगह को ढूंढ निकाला जहां उन्हें लगता है कि गोपालन रहते थे। हालांकि, वहां अब वह मकान नहीं हैं जिसमें वह रहते थे। एक अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर बताया, ‘‘उपराष्ट्रपति के परिवार ने घर से जुड़ी कुछ यादों के बारे में बताया जिससे तलाश में मदद मिली। दूतावास के अथक प्रयासों के बाद कुछ दिन पहले ही इस जगह की पहचान की गयी जब उपराष्ट्रपति घाना में थीं।’’

गौरतलब है कि हैरिस भारतीय मां और जमैका निवासी पिता की संतान हैं और पहली गैर श्वेत और महिला हैं जो अमेरिका की उपराष्ट्रपति बनी हैं। उन्होंने 20 जनवरी 2021 में अमेरिकी उप राष्ट्रपति पद की शपथ लेकर इतिहास रच दिया। हैरिस की मां श्यामला गोपालन चेन्नई से विज्ञान की पढ़ाई करने अमेरिका आई थीं जबकि उनके पिता की परवरिश जमैका में हुई और वे अर्थशास्त्र के राष्ट्रीय विद्वान थे। हैरिस का जन्म कैलिफोर्निया के ओकलैंड में हुआ।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़