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चीन प्रत्यर्पण विवाद पर प्रदर्शनकारियों ने किया संसद में हंगामा, पुलिस ने किया आंसू गैस का इस्तेमाल
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जून 12, 2019 15:42
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पुलिस ने काले कपड़े पहने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए काली मिर्च के छिड़काव, लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर युवा और छात्र थे।
हांगकांग। चीन में प्रत्यर्पण संबंधी विवादास्पद विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बुधवार को हांगकांग की संसद में हंगामा करने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया और दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई। हजारों लोगों ने सरकार के खिलाफ अपनी ताकत दिखाने के लिए अहम मार्गों को बाधित कर दिया। पुलिस ने काले कपड़े पहने प्रदर्शनकारियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए काली मिर्च के छिड़काव, लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। प्रदर्शनकारियों में अधिकतर युवा और छात्र थे।
#UPDATE Violent clashes have broken out in Hong Kong as police tried to stop protesters storming the city's parliament, while tens of thousands of people blocked key arteries in a show of strength against government plans to allow extraditions to Chinahttps://t.co/WITCcaANOG
— AFP news agency (@AFP) June 12, 2019
प्रदर्शनकारियों ने चीन में प्रत्यर्पण को अनुमति देने वाले विवादास्पद विधेयक से पीछे हटने के लिए सरकार को अंतरराष्ट्रीय समयानुयार सुबह सात बजे तक का समय दिया गया था। इस समय-सीमा के बीतने के कुछ समय बाद ही झड़पें शुरू हो गईं। ‘लेजिस्लेटिव काउंसिल’ (लेगको) में विधेयक पर बहस से पहले शहर के बीच एकत्र हुए प्रदर्शनकारियों की संख्या दंगा पुलिस की संख्या से बहुत ज्यादा थी। प्रदर्शनकारियों ने अहम मार्गों को बाधित कर दिया। इसके बाद लेगको में अधिकारियों ने बताया कि वे विधेयक के दूसरे पठन को ‘‘बाद की किसी तारीख’’ के लिए स्थगित करेंगे। समय सीमा समाप्त होते ही प्रदर्शनकारियों ने लेगको कार्यालयों की ओर बढ़ना शुरू कर दिया। प्रदर्शनकारियों को दंगा पुलिस पर धातु की छड़ें और अन्य चीजें फेंकते देखा गया।
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पुलिस ने छातों का कवच की तरह इस्तेमाल कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पहले लाठीचार्ज किया, फिर उन पर काली मिर्च का छिड़काव किया और बाद में आंसू गैस का इस्तेमाल किया। शहर के मुख्य सचिव मैथ्यू चेउंग ने प्रदर्शनों के खिलाफ पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया देते हुए बुधवार को प्रदर्शनकारियों से पीछे हटने की अपील की। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा कि मैं एकत्र हुए लोगों से अधिकतम संयम बरतने, शांतिपूर्ण रूप से तितर-बितर होने और कानून का उल्लंघन नहीं करने की अपील करता हूं। हांगकांग में 100 से अधिक कारोबारियों ने कहा कि वे प्रदर्शनकारियों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए बुधवार को अपने प्रतिष्ठान नहीं खोलेंगे। शहर के बड़े छात्र संघों ने घोषणा की कि वे रैलियों में शामिल होने के लिए कक्षाओं का बहिष्कार करेंगे।
जो बाइडेन के शपथ समारोह में हो सकता है हमला, FBI रख रही पैनी नजर
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 18, 2021 12:27
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वाशिंगटन में किसी भीतरी शख्स के हमले की आशंका के बीच एफबीआई जवानों की कड़ी जांच कर रही है।हमले के खतरे के बीच हजारों पुलिस कर्मियों और सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों के साथ-साथ ‘नेशनल गार्ड’ के 25,000 से अधिक जवानों को यहां तैनात किया गया है।
वाशिंगटन।अमेरिका के रक्षा अधिकारियों ने बताया कि उन्हें ऐसी आशंका है कि अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ समारोह की सुरक्षा में तैनात कोई जवान या कोई भीतरी शख्स हमला कर सकता है, जिसके बाद एफबीआई ने वाशिंगटन आ रहे सभी जवानों पर नजर रखनी भी शुरू कर दी है। हमले के खतरे के बीच हजारों पुलिस कर्मियों और सुरक्षा एजेंसियों के कर्मियों के साथ-साथ ‘नेशनल गार्ड’ के 25,000 से अधिक जवानों को यहां तैनात किया गया है।
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निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों के अमेरिकी संसद भवन पर छह जनवरी को हुए हिंसक हमले के बाद से ही सुरक्षा कड़ी की गई है। लेकिन अब शहर की सुरक्षा में तैनात कुछ जवानों के नवनिवार्चित राष्ट्रपति तथा नवनिवार्चित उपराष्ट्रपति के लिए खतरा उत्पन्न करने का डर सताने लगा है। सैन्य मामलों के मंत्री रेयान मैककार्थी ने ‘एपी’ को रविवार को बताया कि अधिकारी संभावित खतरे को लेकर सतर्क हैं और सभी कमांडर को शपथ समारोह से पहले उनकी रैंक में किसी भी तरह की समस्या पर गौर करने को कहा है। हालांकि उनका कहना है कि अभी तक किसी तरह के खतरे के कोई संकेत नहीं मिले हैं। मैककार्थी ने कहा कि वह लगातार इस प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं और अभियान में तैनात सभी लोगों पर नजर रखी जा रही है।
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कई अधिकारियों ने बताया कि डीसी में ‘नेशनल गार्ड’ की तैनाती का काम एक सप्ताह से कुछ पहले शुरू किया गया था और यह बुधवार तक पूरा हो जाएगा। मैककार्थी ने कहा, ‘‘ हमें सतर्क रहने की जरूरत है और अभियान से जुड़े सभी पुरुषों और महिलाओं पर पूरी नजर रखने के लिए हमें सभी तंत्रों का इस्तेमाल करने की आवश्यकता है।’’ इससे पहले, एफबीआई ने अपने आंतरिक बुलेटिन में शपथ समारोह से पहले वाशिंगटन डीसी तथा सभी 50 राज्यों के संसद भवनों में हथियारबंद प्रदर्शन की आशंका भी जताई थी। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन 20 जनवरी को कार्यभार संभालेंगे।
भड़काऊ वीडियो पोस्ट करने के बाद ट्विटर ने रिपब्लिकन सांसद के अकाउंट किए बैन
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 18, 2021 12:02
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ट्विटर ने अमेरिका में रिपब्लिकन सांसद के अकाउंट पर रोक लगा दी है। सोशल मीडिया पर उन्होंने कई भड़काऊ वीडियो और कमेंट पोस्ट किए हैं। ग्रीन ने रविवार को एक स्थानीय समाचार को दिए साक्षात्कार का वीडियो पोस्ट किया था।
वाशिंगटन। ट्विटर ने रविवार को रिपब्लिकन सांसद मारजोरी टेलर ग्रीन के अकाउंट पर अस्थायी रोक लगा दी। सांसद के पोस्ट से कथित तौर पर नस्ली विचार और क्यूनन साजिश सिद्धांत के ऑनलाइन समर्थन की झलक मिल रही थी। ग्रीन ने एक बयान में कहा कि उनके अकाउंट को ‘‘बिना कोई विस्तृत जानकारी दिए’’ बंद कर दिया गया। उन्होंने रूढ़िवादी विचारों पर ट्विटर की ‘‘चुप्पी’’ को लेकर भी निंदा की। पेशे से कारोबारी ग्रीन राजनीति में नई हैं। नवंबर में वह जॉर्जिया 14वें डिस्ट्रिक्ट की प्रतिनिधि चुनी गयी थीं।
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सोशल मीडिया पर उन्होंने कई भड़काऊ वीडियो और कमेंट पोस्ट किए हैं। ग्रीन ने रविवार को एक स्थानीय समाचार को दिए साक्षात्कार का वीडियो पोस्ट किया था। इस वीडियो में वह जॉर्जिया के चुनाव अधिकारियों की निंदा करती दिख रही हैं और राष्ट्रपति चुनाव में धोखाधड़ी के दावों का समर्थन कर रही हैं। ट्विटर ने ग्रीन और अन्य लोगों के ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए संदेश लिखा कि चुनाव में धोखाधड़ी का दावा ‘‘विवाद पैदा करने वाला है और इससे हिंसा की आशंका’’ है। ग्रीन की टीम ने रविवार को ट्विटर के संदेश का स्क्रीनशॉट जारी कर बताया कि कंपनी ने नियमों के उल्लंघन के आरोप में उनके अकाउंट पर 12 घंटे के लिए रोक लगा दी है।
इंडोनेशिया भूकंप से मची तबाही,अब तक 81 की मौत; 800 के करीब लोग घायल
- प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क
- जनवरी 18, 2021 11:58
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इंडोनेशिया भूकंप में मृतक संख्या बढ़कर 81 हो गई है।इससे पहले 2018 में पालू शहर में 7.5 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद सुनामी आई थी। तब चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।
ममूजू (इंडोनेशिया)। इंडोनेशिया में आए 6.2 तीव्रता के भूकंप के बाद घरों और इमारतों के मलबे में दबे लोगों की तलाश का काम सोमवार को बचावकर्मियों ने तेज कर दिया। भूकंप से कम से कम81 लोगों की मौत हुईं है। राष्ट्रीय आपदा मोचन एजेंसी के प्रवक्ता रादित्य जति ने कहा कि भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित ममूजू शहर और सुलावेसी द्वीप पर माजेने में सबसे अधिक बचावकर्मी और स्वयंसेवक तैनात हैं। उन्होंने बताया कि ममूजू में 70 और माजेने में 11 लोगों की मौत हुई है। वहीं करीब 27,850 लोगों का आश्रय स्थलों में रखा गया है।
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800 के करीब लोग घायल भी हुए हैं, जिनमें से करीब आधे लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। ट्रकों के जरिए इलाकों में पानी, खाद्य सामग्री और चिकित्सीय सामग्री पहुंचाई जा रही है। बिजली आपूर्ति तथा फोन संचार सुविधाएं भी धीरे-धीरे बहाल हो रही हैं। जति ने बताया कि माजेने में करीब 1150 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं और ममूजू में क्षतिग्रस्त हुए घरों का आंकड़ों एकत्रित किया जा रहा है। इससे पहले 2018 में पालू शहर में 7.5 तीव्रता का भूकंप और उसके बाद सुनामी आई थी। तब चार हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी।

