हांगकांग के स्वतंत्रता समर्थक सांसदों को शपथ लेने से रोका

हांगकांग की संसद में आज फिर से तब अफरातफरी मच गई जब चीन समर्थक खेमे ने उन दो नए सांसदों को शपथ लेने से रोक दिया जो चीन से शहर की स्वतंत्रता चाहते हैं।

हांगकांग। हांगकांग की संसद में आज फिर से तब अफरातफरी मच गई जब चीन समर्थक खेमे ने उन दो नए सांसदों को शपथ लेने से रोक दिया जो चीन से शहर की स्वतंत्रता चाहते हैं। अर्ध-स्वायत्त शहर में तनाव चरम पर है। जैसे-जैसे यह डर बढ़ रहा है कि चीन अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, हांगकांग में स्वतंत्रता आंदोलन भड़क रहा है। पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को 1997 में इसकी स्वतंत्रता को 50 साल के लिए कायम रखते हुए एक समझौते के तहत चीन को वापस सौंप दिया गया था, लेकिन चिंताएं इस बात को लेकर हैं कि उस स्वतंत्रता को छीना जा रहा है।

स्वतंत्रता और स्व प्रशासन की वकालत कर रहे उम्मीदवारों को पिछले महीने शहर में विधान परिषद (लेग्को) चुनाव में चुना गया था। पिछले सप्ताह शपथग्रहण समारोह में युवा सांसदों- याउ वाइ-चिंग और बैगियो लेउंग की शपथ तब खारिज कर दी गई थी जब उन्होंने खुद को ‘‘हांगकांग इज नॉट चाइना’’ लिखे झंडों में लपेट लिया था। शपथ में उल्लेख किया जाता है कि हांगकांग चीन का एक विशेष प्रशासनिक क्षेत्र है। दोनों सांसदों ने यह उल्लेख करने से मना कर दिया था और याउ को ‘‘पीपल्स रिपब्लिक चाइना’’ शब्दों की जगह ‘‘पीपल्स रिफ्यूकिंग ऑफ जीना’’ शब्दों का उच्चारण करते सुना गया। उन्हें आज दोबारा शपथ लेने की अनुमति दे दी गई थी, लेकिन जब शपथग्रहण का कार्यक्रम होने लगा तो बीजिंग समर्थक सांसदों ने बहिर्गमन किया जिससे सदन में सांसदों की संख्या पर्याप्त न होने के कारण बैठक को स्थगित करना पड़ा। इस पर सदन के बाहर चीन समर्थक और स्वतंत्रता समर्थक सांसदों के बीच नारेबाजी होने लगी।

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