परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि लागू करना महत्वपूर्ण, नहीं तो हो सकती हैं तबाही: संयुक्त राष्ट्र
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संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि परमाणु परीक्षण की विरासत ‘‘केवल तबाही है’’ और जब दुनिया में तनाव बढ़ रहा है तब ऐसे में, ‘‘हमारी सामूहिक सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती’’ है कि परमाणु विस्फोटों को प्रतिबंधित करने वाली एक वैश्विक संधि लागू की जाए।
संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि परमाणु परीक्षण की विरासत ‘‘केवल तबाही है’’ और जब दुनिया में तनाव बढ़ रहा है तब ऐसे में, ‘‘हमारी सामूहिक सुरक्षा इस बात पर निर्भर करती’’ है कि परमाणु विस्फोटों को प्रतिबंधित करने वाली एक वैश्विक संधि लागू की जाए।
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‘परमाणु परीक्षण के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दिवस’ के मौके पर गुतारेस ने कहा, ‘‘ मैं उन देशों से एक बार फिर गुहार लगाना चाहूंगा (जिन्होंने अभी ऐसा नहीं किया है) कि वे सीटीबीटी (व्यापक परमाणु-परीक्षण-प्रतिबंध संधि) पर हस्ताक्षर करके उसकी पुष्टि करें, विशेषकर जिनका ऐसा करना संधि को क्रियान्वित करने के लिए अनिवार्य है।’’ सीटीबीटी परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का केंद्रीय स्तंभ है।
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व्यापक स्तर पर समर्थन मिलने के बावजूद दो दशक से यह अभी क्रियान्वित नहीं हो पाई है। 184 देशों ने इस पर हस्ताक्षर किए थे और 168 ने इसकी पुष्टि की है। महासचिव ने इस बात पर जोर दिया , ‘‘परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए एक प्रभावी एवं कानूनी रूप से बाध्यकारी निषेध आवश्यक है, जो लंबे समय से अधर में लटका है।’’
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