अमेरिका में सहायक मंत्री डोनाल्ड लू के खिलाफ विधिक कार्यवाही करेंगे इमरान खान-बहन ने कहा

Imran Khan
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उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास खान की सरकार को गिराने की साजिश में शामिल था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने मंगलवार को मामले में खान के खिलाफ स्थगन आदेश जारी किया और उन परिस्थितियों के बारे में जानकारी मांगी, जिसके कारण मुकदमा उच्च सुरक्षा वाली रावलपिंडी जेल में चलाया जा रहा है। अलीमा ने कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी किया है और मामले में वे धाराएं जोड़ी गईं हैं जिनके तहत मौत की सजा या आजीवन कारावास हो सकती है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को यदि देश की अदालतों से न्याय नहीं मिला तो वह अमेरिका में विदेश विभाग के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू के खिलाफ मामला दर्ज कराएंगे। यह बात इमरान खान की बहन अलीमा खान ने कही। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के अध्यक्ष खान (71) वर्तमान में सिफर (गुप्त राजनयिक केबल) मामले में न्यायिक हिरासत में रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं। कथित सिफर में पिछले साल दक्षिण एवं मध्य एशियाई मामलों के ब्यूरो के सहायक मंत्री डोनाल्ड लू और पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान सहित अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों के बीच एक बैठक का विवरण था।

अगस्त 2018 से अप्रैल 2022 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे खान पर आरोप है कि उन्होंने सिफर की सामग्री का दुरुपयोग करके यह कहानी गढ़ी कि उनकी सरकार को अमेरिका द्वारा रची गई साजिश के कारण सत्ता से हटना पड़ा। इस आरोप का वाशिंगटन ने कई बार खंडन किया है। ‘जियो न्यूज’ की शुक्रवार की खबर के अनुसार, खान की बहन ने अदियाला जेल में उनसे मुलाकात के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में यह टिप्पणी की। इस खबर में अलीमा के हवाले से कहा गया है, पीटीआई के अध्यक्ष ने कहा कि अगर उन्हें पाकिस्तानी अदालतों से न्याय नहीं मिला, तो वे डोनाल्ड लू के खिलाफ अमेरिकी अदालतों में मामला दायर करेंगे।

उन्होंने कहा कि पार्टी का मानना है कि पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास खान की सरकार को गिराने की साजिश में शामिल था। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने मंगलवार को मामले में खान के खिलाफ स्थगन आदेश जारी किया और उन परिस्थितियों के बारे में जानकारी मांगी, जिसके कारण मुकदमा उच्च सुरक्षा वाली रावलपिंडी जेल में चलाया जा रहा है। अलीमा ने कहा कि इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी किया है और मामले में वे धाराएं जोड़ी गईं हैं जिनके तहत मौत की सजा या आजीवन कारावास हो सकती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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