चाबहार बंदरगाह डील को भारत ने बताया बड़ी उपलब्धि, विदेश मंत्रालय बोला- अमेरिका भी समझता है महत्व

Chabahar
Creative Common
अभिनय आकाश । May 17 2024 7:40PM

बंदरगाह के माध्यम से हम बहुत सारी आपूर्ति करने और बहुत सारी मानवीय सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका भी चाबहार बंदरगाह के महत्व को समझता है, जहां तक ​​क्षेत्र और इसकी कनेक्टिविटी का सवाल है, विशेष रूप से क्षेत्र में भूमि से घिरे देशों के लिए इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।

चाबहार बंदरगाह पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि 13 मई को हमने चाबहार बंदरगाह के संचालन के लिए दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। हमारे मंत्री वहां थे। यह एक बड़ी उपलब्धि है। हम चाबहार की क्षमता को साकार करने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता के रूप में देखते हैं। यह स्थान अफगानिस्तान और जमीन से घिरे मध्य एशियाई देशों के लिए कनेक्टिविटी हब के रूप में है। यह बंदरगाह 2018 से इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड द्वारा संचालित किया जा रहा है। 

इसे भी पढ़ें: दुनिया के लिए भारत एक जरूरत, अमेरिका चाह कर भी नहीं कर सकता कुछ, एक डील ने कैसे बढ़ाई 3 देशों की धड़कनें

बंदरगाह के माध्यम से हम बहुत सारी आपूर्ति करने और बहुत सारी मानवीय सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका भी चाबहार बंदरगाह के महत्व को समझता है, जहां तक ​​क्षेत्र और इसकी कनेक्टिविटी का सवाल है, विशेष रूप से क्षेत्र में भूमि से घिरे देशों के लिए इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।

इसे भी पढ़ें: भारत पर लगाएगा प्रतिबंध? Chabahar Port Deal को लेकर क्यों बौखलाया अमेरिका

चाबहार पोर्ट को अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे के एक अहम सेंटर की पेश किया गया है। यह प्रॉजेक्ट भारत, ईरान, अफगानिस्तान, आर्मेनिया, अजरबैजान, रूस, सेंट्रल एशिया और यूरोप के बीच माल-ढुलाई के लिए 7,200 किलोमीटर लंबा प्रोजेक्ट है। सरकार ने साल 2024- 2025 के लिए चाबहार के लिए 100 करोड़ आवंटित भी किए थे। बंदरगाह को इंटरनैशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के साथ जोड़े जाने के बाद भारत की कनेक्टिविटी ईरान के जरिए सीधे रूस तक होगी। इससे पाकिस्तान को बायपास कर अफगानिस्तान और सेंट्रल एशिया तक पहुंच बन जाएगी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़