योग भारत की ओर पूरी दुनिया के लिए एक अमूल्य उपहार : मॉरीशस के राष्ट्रपति
भारत और मॉरीशस के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और इसकी संस्कृति जिसका अध्यात्म और योग अनिवार्य हिस्सा है, उसका मॉरीशस से पुराना नाता है।
सहारनपुर (उप्र) | मॉरीशस के राष्ट्रपति पृथ्वीराजसिन रूपुन ने बुधवार को योग को भारत की ओर से पूरी दुनिया के लिए एक अमूल्य उपहार बताया। सहारनपुर जिले मे स्थित मोक्षायतन योग संस्थान द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वैश्विक योग सम्मेलन का डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करते हुए मॉरीशस के राष्ट्रपति रूपुन ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया जाना भारत की ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सोच का ही परिणाम है।
भारत और मॉरीशस के संबंधों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और इसकी संस्कृति जिसका अध्यात्म और योग अनिवार्य हिस्सा है, उसका मॉरीशस से पुराना नाता है।
राष्ट्रपति रूपन ने इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिये गये योगदिवस थीम योग फॉर ह्यूमैनिटी (मानवता के लिए योग) का जिक्र करते हुए कहा कि योग हमारी प्राचीन परम्परा की ओर से दुनिया को भेंट है। उन्होने कहा कि 1950 में भारत के स्वामी शिवानंदने मॉरीशस के लोगों को योग से परिचित कराया था। राष्ट्रपति ने कहा कि पूर्व में मॉरीशस के कला एवं संस्कृति मंत्री के रूप में वे योग दिवस कार्यक्रम से निकट से जुड़े रहे हैं।
उन्होंने कहा,‘‘लेकिन राष्ट्रपति के रूप में भी मैं यूनेस्को के विश्व विरासत केंद्र का रूप ले चुके अप्रवासी घाट (जो कि तीर्थ और मॉरीशस की पहचान बन चुका है) पर आयोजित योग दिवस पर सपत्नीक हिस्सा लूंगा।
राष्ट्रपति ने भारत सरकार और मॉरीशस विश्वविद्यालय के आयुष विभाग द्वारा मॉरीशस के राष्ट्रपति भवन में आयुर्वेदिक उद्यानबनाये जाने की जानकारी दी। राष्ट्रपति के उद्घाटन भाषण से पूर्व संस्थान की निदेशक आचार्य प्रतिष्ठा ने सम्मेलन की भूमिका पर प्रकाश डाला।
मोक्षायतन योग संस्थान के संस्थापक योग गुरु व पद्मश्री से सम्मानित भारत भूषण ने मॉरीशस के राष्ट्रपति रूपुन और उद्घाटन सत्र में उपस्थित सभी हस्तियों के साथ-साथ इसमें भाग लेने वाले 15 से अधिक देशों के योग विशेषज्ञों और आगामी दो दिन के लिये दुनिया के अलग-अलग देशो से सम्मेलन में जुड़ने वाले योग प्रेमियों को शुभकामनाएं दी।
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