Sri Lanka में ग्रेफाइट की खदानों के लिए भारत कर रहा बातचीत

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तांबा, लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिज तेजी से बढ़ती स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के महत्वपूर्ण घटक हैं। पवन चक्की और बिजली नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक में इनका इस्तेमाल होता है।

भारत, श्रीलंका में ग्रेफाइट की खदानें हासिल करने के लिए उसके साथ बातचीत कर रहा है। सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। ग्रेफाइट लिथियम-ऑयन और अन्य बैटरियों में एनोड के लिए इस्तेमाल होने वाली सबसे आम सामग्री है। इस वजह से ग्रेफाइट की मांग लगातार बढ़ रही है।

सूत्रों ने कहा कि सरकार ने श्रीलंका में ग्रेफाइट खदानें हासिल करने के संबंध में वहां की सरकार के साथ चर्चा की। श्रीलंका में पाया जाने वाला ग्रेफाइट बहुत अच्छी गुणवत्ता का होता है। हालांकि, सूत्रों ने यह कहते हुए अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया कि बातचीत अभी शुरुआती चरण में है।

ग्रेफाइट को सरकार ने पिछले साल 30 महत्वपूर्ण खनिजों की सूची में शामिल किया था। सरकार ने हाल ही में कहा था कि सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया, एनएमडीसी और ओएनजीसी विदेश लिमिटेड (ओवीएल) विदेशों में महत्वपूर्ण खनिज संपत्तियों की सक्रिय रूप से तलाश करेंगी।

इन सार्वजनिक उद्यमों की विदेशों में पहले से ही किसी न किसी प्रकार की मौजूदगी है। विदेशों में खनिज संपत्तियों की खोज के लिए ‘खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड‘ (काबिल) का भी गठन किया गया जो सार्वजनिक क्षेत्र के तीन उद्यमों का एक संयुक्त उद्यम है।

तांबा, लिथियम, निकल और कोबाल्ट जैसे महत्वपूर्ण खनिज तेजी से बढ़ती स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के महत्वपूर्ण घटक हैं। पवन चक्की और बिजली नेटवर्क से लेकर इलेक्ट्रिक वाहनों तक में इनका इस्तेमाल होता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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