यूक्रेन में स्थायी शांति कायम करने को लेकर आया बाइडन प्रशासन का बयान, कहा-शांति बहाल करने के पक्ष में है भारत और अमेरिका

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यूक्रेन में स्थायी शांति स्थापित किए जाने के मुद्दे पर अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने कहा है कि भारत और अमेरिका इस बात से बहुत सहत है। यूक्रेन संघर्ष पर भारत समेत अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ बहुत करीब से जुड़ा है। अमेरिका ने जोर दिया कि यूक्रेन में स्थायी शांति की बहाली आवश्यक है।

वाशिंगटन। अमेरिका के बाइडन प्रशासन ने कहा है कि भारत और अमेरिका इस बात से ‘‘बहुत अधिक सहमत’’ हैं कि यूक्रेन में स्थायी शांति की बहाली आवश्यक है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि उनका देश यूक्रेन संघर्ष पर भारत समेत अपने सहयोगियों और भागीदारों के साथ बहुत करीब से जुड़ा है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसके लिए रूस को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर अडिग है।

उन्होंने शुक्रवार को दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम भारत की इस बात से बहुत अधिक सहमत हैं कि यूक्रेन में स्थायी शांति की बहाली आवश्यक है। यही संदेश यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी दिया है। जी-20 समूह की बैठक के दौरान उन्होंने वहां मौजूद विश्व के नेताओं से बात की और शांति को लेकर अपने विचार रखे। हम इसका स्वागत करते हैं।’’ प्राइस ने कहा कि हम यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के समर्थन का स्वागत करते हैं। भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस के क्रूर युद्ध को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया और उसे मानवीय सहायता भी प्रदान की। हम प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के इस कथन से भी बहुत अधिक सहमत हैं कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है। बेशक, यह एक ऐसी टिप्पणी थी जिसकी गूंज जी-20 में हुई। हमने वह टिप्पणी संयुक्त राष्ट्र में भी सुनी है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका का मानना है कि रूस और यूक्रेन के साथ संबंध रखने वाले भारत जैसे देश संबंधित पक्षों को बातचीत और कूटनीति की मेज पर लाने में मदद करने की स्थिति में हो सकते हैं जिससे एक दिन यह युद्ध समाप्त हो सकता है। यूक्रेन पर रूस के हमले के बारे में एक सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा कि अमेरिका दुनिया भर में अपने सहयोगियों और भागीदारों के निकट संपर्क में है। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर इसमें भारत भी शामिल है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय इसके लिए रूस को जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर अडिग है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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