भारतवंशी तुलसी खुफिया निदेशक बनीं, PM मोदी ने अमेरिका में लैंड करते ही की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका पहुंच चुके हैं। अमेरिका पहुंचने पर एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने वाशिंगटन डीसी में यूएसए की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। उन्हें उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट कर बताया कि भारत-यूएसए ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
ट्रंप सरकार में काश पटेल और तुलसी गैबार्ड को अहम जिम्मेदारी दी गई है। ट्रंप ने काश पटेल को एफबीआई चीफ के पद के लिए नॉमिनेट किया है। वहीं तुलसी गबार्ड को यूएस नेशनल इंटेलिजेंस का निदेशक नामित किया। बाद में दोनों को ही सीनेट के सामने पेश होना पड़ा पड़ा था। अब खबर है कि अमेरिकी सीनेट ने 52 के मुकाबले 48 मतों से तुलसी गबार्ड की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नियुक्त की पुष्टि कर दी है। इससे रिपब्लिकन सांसदों पर राष्ट्रपति ट्रम्प के राजनीतिक नियंत्रण का पता चलता है। सिर्फ केंटकी के रिपब्लिकन नेता मिच मैककोनेल ने उनके खिलाफ वोट दिया।
पीएम मोदी ने यूएस पहुँचते ही कि गबार्ड से मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अमेरिका पहुंच चुके हैं। अमेरिका पहुंचने पर एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया गया। पीएम मोदी ने वाशिंगटन डीसी में यूएसए की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड से मुलाकात की। उन्हें उनकी नियुक्ति पर बधाई दी। पीएम मोदी ने एक्स पोस्ट कर बताया कि भारत-यूएसए ने विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की।
असद के साथ गबार्ड की 2017 यात्रा पर एक स्पॉटलाइट
गबार्ड को 2017 में तत्कालीन राष्ट्रपति बशर अल-असद से मिलने के लिए सीरिया की यात्रा के लिए भी जांच का सामना करना पड़ा था। यह यात्रा तब हुई जब अमेरिकी सरकार ने असद से अपने नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों सहित सरकार के हमलों के कारण पद छोड़ने की मांग की। उनकी यात्रा की उस समय सदन के दोनों ओर के सांसदों ने आलोचना की। सुनवाई में गबार्ड ने सांसदों से कहा कि उन्होंने असद से उनके अपने शासन के कार्यों के बारे में कठिन सवाल पूछे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा कि मुझे असद या गद्दाफी या किसी तानाशाह से कोई खास लगाव नहीं है। गबार्ड ने कहा कि उन्होंने दिसंबर में जब सशस्त्र विद्रोहियों ने सीरियाई शहर दमिश्क पर कब्जा कर लिया था तो असद शासन के पतन के लिए कोई आंसू नहीं बहाए थे। लेकिन आज हमारे पास एक इस्लामी चरमपंथी है जो अब सीरिया का प्रभारी है।
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हमारे यहां पिनाका देखें और यूज करें, सबको हथियार देने वाले फ्रांस को पीएम मोदी ने दिया न्यौता
प्रधानमंत्री मोदी ने फ्रांसीसी आर्मी को पिनाका एमबीएलाआर (मल्टीबैरल रेंकिट लॉन्चर) को करीब से देखने के लिए आमंत्रित किया। इस बात पर भी जोर दिया कि अगर फ्रांस इस सिस्टम को अपनाता है, तो यह भारत-फ्रांस रक्षा संबंधों में एक और अहम उपलब्धि होगी। आपको बता दें कि पिनाका रॉकेट सिस्टम पूरी तरह से स्वदेशी है। ये शुरुआत से लेकर अंत तक भारत में ही बना है। ऐसे में फ्रांस पहला ताकतवर विकसित देश हो सकता है जिसके हाथों में पिनाका रॉकेट सिस्टम होगा।
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भगवान शिव के धनुष पिनाक के नाम पर भारत के देसी पिनाका का नाम रखा गया। एक ऐसा मिसाइल सिस्टम जो पलक झपकते दुश्मन को खाक कर देगा। 44 सेकेंड में 12 रॉकेट दागेगा जिसके बाद सिर्फ धुंआ ही धुंआ नजर आएगा। भारत में स्वदेशी तौर पर विकसित की गई पिनाका रॉकेट सिस्टम के तीन वैरिएंट हैं। एमके-1, एमके-2, एमके-3 और तीनों के अलग-अलग वैरिएंट हैं। इसकी अधिकतम रेंज 120 किलोमीटर तक है। पलक झपकते ही ये अपने साथ पूरे 72 रॉकेट दाग देता है। इसे डीआरडीओ ने तैयार किया है। पहले वेरिएंट एमके-1 का रेंज 45 किलोमीटर तक है। दूसरे वैरिएंट एमके-2 की रेंज 90 किलोमीटर तक है। तीसरे और सबसे एडवान्सड वेरिएंट एमके-3 का रेंज 120 किलोमीटर तक है।
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Met USA’s Director of National Intelligence, @TulsiGabbard in Washington DC. Congratulated her on her confirmation. Discussed various aspects of the India-USA friendship, of which she’s always been a strong votary. pic.twitter.com/w2bhsh8CKF
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2025
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