वृन्दावन में 70 मंजिला गगनचुंबी मंदिर से भारतीय पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा : Iskcon

Vrindavan temple
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वृन्दावन हेरिटेज टॉवर 70 मंजिल ऊंचा और 210 मीटर होगा, जो आठ करोड़ अमरीकी डालर की लागत से बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, इस बारे में मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने एक बयान में कहा है कि विदेशों में रह रहे भारतीय प्रवासियों से एक आह्वान कर रहे हैं।

वाशिंगटन। इस्कॉन के एक शीर्ष पदाधिकारी ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश के वृंदावन में भगवान श्री कृष्ण का गगनचुंबी मंदिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय संस्कृति के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा और भारत में पर्यटन औरअर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा। ग्लोबल हरे कृष्णा मूवमेंट के उपाध्यक्ष और इस्कॉन बैंगलोर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चंचलपति दास ने कहा कि आध्यात्मिकता के लिए कोई टूटा-फूटा बुनियादी ढांचा नहीं हो सकता और मंदिर हमेशा जर्जर स्थिति में नहीं रह सकते। 

वृन्दावन हेरिटेज टॉवर 70 मंजिल ऊंचा और 210 मीटर होगा, जो आठ करोड़ अमरीकी डालर की लागत से बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, इस बारे में मैं आपको एक और उदाहरण देता हूं। हमारे माननीय प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) ने एक बयान में कहा है कि विदेशों में रह रहे भारतीय प्रवासियों से एक आह्वान कर रहे हैं। कृपया अमेरिका से पांच अमेरिकियों को भारत लाएं और उन्हें भारत दिखाएं। जब आप उन्हें भारत लाएंगे तो निश्चित रूप से जो कोई भी दुनिया के किसी भी हिस्से से भारत आता है तो वह आध्यात्मिकता की तलाश में होता है। 

दास ने निर्माणाधीन वृन्दावन हेरिटेज टॉवर के बारे में कहा, जब वे भारत आयेंगे तो निःसंदेह वे अच्छे हवाई अड्डे देख सकते हैं। वो सभी चीजें प्रभावशाली और दिलचस्प भी हैं और होनी भी चाहिए। वे आध्यात्मिकता की भी तलाश में होंगे। अब ऐसे में हमार पास विदेशियों को भारत लाने और उन्हें दिखाने के लिए आध्यात्मिक बुनियादी ढांचा, धार्मिक बुनियादी ढांचा होना चाहिए, जिन पर आप गर्व कर सकें। 

जब आप उन्हें वृन्दावन लाएंगे, तो आपको कृष्ण के संदेश पर निर्मित इस प्रकार का विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा निर्मित होना चाहिए और इसलिए यह एक और महत्वपूर्ण उद्देश्य है। दास ने कहा कि वृन्दावन हेरिटेज टॉवर एक अष्टकोणीय संरचना है जिसमें उत्तर इकाई, दक्षिण इकाई, पूर्व इकाई और पश्चिम इकाई है। उन्होंने कहा कि ये चार मंदिर हैं। उन्होंने बताया कि मंदिर परिसर में आवास सुविधाएं होंगी, जो पर्यटकों के अनुभव को अच्छा बनाएंगी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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