विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ब्रिटेन की गृह मंत्री से की मुलाकात, आव्रजन एवं आवाजाही समझौते पर किये हस्ताक्षर

Jaishankar

जयशंकर ने कहा कि समझौता दोनों देशों के बीच मौजूदा सम्पर्क को मजबूत करेगा। ब्रिटेन के गृह विभाग के कार्यालय के अनुसार, नये समझौते से दोनों देशों के 18 से 30 वर्ष आयु के युवाओं को पेशेवर एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत 24 महीने तक के लिए एकदूसरे के देश में काम करने और रहने के लिए सुविधा मिलेगी।

लंदन | विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक ‘‘महत्वपूर्ण’’ नए आव्रजन एवं आवाजाही साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए ब्रिटेन की गृह मंत्री प्रीति पटेल से मंगलवार को लंदन में मुलाकात की। जयशंकर ने कहा कि यह समझौता दोनों देशों के बीच मौजूदा सम्पर्क को और मजबूत करेगा। ब्रिटेन के गृह विभाग के कार्यालय के अनुसार, नये समझौते से दोनों देशों के 18 से 30 वर्ष आयु के युवाओं को पेशेवर एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत 24 महीने तक के लिए एकदूसरे के देश में काम करने और रहने के लिए सुविधा मिलेगी।

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इससे उन भारतीय नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया में तेजी आएगी जिनका ब्रिटेन में रहने का कोई वैध अधिकार नहीं है। इसी तरह ब्रिटिन नागरिकों की वापसी की प्रक्रिया भी सुगम होगी। इसके साथ ही इससे संगठित आव्रजन अपराध को लेकर अधिक सहयोग सुनिश्चित होगा। जयशंकर ने ब्रिटेन की मंत्री के साथ अपनी बैठक की तस्वीरों के साथ ट्वीट किया, ‘‘गृह मंत्री प्रीति पटेल के साथ आज सुबह एक उपयोगी बैठक हुई। आव्रजन एवं आवाजाही साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो कानूनी यात्रा में सुविधा प्रदान करेगा और प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करेगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप भारत और ब्रिटेन के बीच मौजूदा सम्पर्क और मजबूत होगा।’’ समझौते पर एक सहमतिपत्र के रूप में मुहर लगाई गई।

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यह मंगलवार को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में बनी सहमति के परिणामों में से एक है। पटेल ने कहा, ‘‘भारत सरकार में हमारे करीबी सहयोगियों के साथ इस महत्वपूर्ण समझौते से ब्रिटेन और भारत के हजारों युवाओं को एक दूसरे के यहां रहने, काम करने और एकदूसरे की संस्कृतियों का अनुभव करने के लिए नए अवसर प्राप्त होंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘समझौता यह भी सुनिश्चित करेगा कि ब्रिटिश सरकार उन लोगों को अधिक आसानी से वापस भेज सकती है जिनके पास ब्रिटेन में रहने का कोई अधिकार नहीं है और इससे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकेगी जो हमारी व्यवस्था का दुरुपयोग करते हैं।’’ इस समझौते को दोनों देशों के बीच अपने तरह का पहला समझौता बताया जा रहा है।

इसके तहत दोनों सरकारों ने युवा भारतीय पेशेवरों और ब्रिटेन के नागरिकों को अधिक गतिशील प्रावधानों के साथ आवाजाही मिल सकेगी। साथ ही इससे लोगों को दोनों देशों में दो साल तक रहने और काम करने की अनुमति मिलेगी। ब्रिटेन के गृह विभाग के अनुसार नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल भारत से 53,000 से अधिक छात्र अध्ययन करने के लिए ब्रिटेन आए थे जो कि उससे पहले के वर्ष से 42 प्रतिशत तक अधिक है। उसने कहा कि ब्रिटेन में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से लगभग एक चौथाई भारत से हैं। ब्रिटेन में अवैध भारतीय प्रवासियों का मुद्दा लंबे समय से द्विपक्षीय वार्ता के एजेंडे में रहा है। दोनों पक्षों में इसकी संख्या को लेकर सहमति नहीं बन पायी है। ब्रिटेन का कहना है कि देश में लगभग 100,000 भारतीय अवैध रूप से रह रहे हैं। भारत ने पूर्व में इस संख्या की सत्यता पर सवाल उठाया है क्योंकि माना जाता है कि इस आंकड़े में भारतीय उपमहाद्वीप के अन्य हिस्सों से भी नागरिक शामिल हैं। दोनों पक्ष 2018 में इस मुद्दे पर एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के करीब थे। पटेल के साथ जयशंकर की बैठक ‘डाउनिंग स्ट्रीट’ द्वारा सोमवार को उन्नत व्यापार साझेदारी (ईटीपी) के विवरण का खुलासा करने के बाद हुई है जिस पर सहमति बन गई है और दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच इस पर हस्ताक्षर किया जाना है।

ब्रिटेन सरकार ने कहा कि उसने भारत के साथ एक अरब पाउंड के व्यापार और निवेश समझौते को अंतिम रूप दिया है और ईटीपी के तहत 2030 तक ब्रिटेन-भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा जाएगा और व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की दिशा में आगे बढ़ने के प्रयास किए जाएंगे। जयशंकर मेजबान ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक राब के निमंत्रण पर जी-7 के विदेश एवं विकास मंत्रियों की बैठक के लिए लंदन में हैं और वैश्विक लोकतंत्र को खतरों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कार्रवाई पर सहमति के लिए अन्य अतिथि राष्ट्रों के नेताओं साथ के साथ मंगलवार शाम में एक कामकाजी रात्रि भोज में शामिल होंगे।

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