जॉनसन एंड जॉनसन बना रहा काेराेना काे खत्म करने वाला वैक्सीन

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जॉनसन एंड जॉनसन के कोरोना वायरस टीके का मनु्ष्य पर परीक्षण इस साल सितंबर में होगा। बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है जो इस प्रयास में एक अरब डॉलर का निवेश करेगा। जॉनसन एंड जॉनसन ने जनवरी में एडी26 सार्स-सीओवी-2 पर जनवरी में काम करना शुरू किया था ।

वाशिंगटन। जॉनसन एंड जॉनसन ने कहा है कि उसने कोरोना वायरस के इलाज के लिए संभावित टीके की पहचान की है जिसका सितंबर माह में मनुष्यों पर परीक्षण किया जाएगा और यह अगले साल के शुरुआती महीनों में आपात इस्तेमाल के लिए उपलब्ध भी हो सकता है। कंपनी ने सोमवार को एक बयान में बताया कि फार्मास्यूटिकल कंपनी ने अमेरिकी सरकार के बायोमेडिकल एडवांस्ड रिसर्च एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है जो इस प्रयास में एक अरब डॉलर का निवेश करेगा। जॉनसन एंड जॉनसन ने जनवरी में एडी26 सार्स-सीओवी-2 पर जनवरी में काम करना शुरू किया था जिसपर अब भी जांच चल रही है।

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इस टीके के लिए ईबोला के संभावित टीके को विकसित करने वाली प्रौद्योगिकी का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। कंपनी के मुख्य विज्ञानी अधिकारी पॉल स्टोफेल्स नेकहा, “हमारे पास कई संभावित टीके थे जिनका परीक्षण हमने जानवरों पर किया था और उनमें से हमें सर्वश्रेष्ठ को चुनना था, इसमें 12 हफ्ते लग गए 15 जनवरी से लेकर आज तक का वक्त।” उन्होंने कहा हमें यह भी आंकना था कि कौन से संभावित टीके में सुधार किया जा सकता है ताकि एक तरफ यह सुनिश्चित हो सके कि यह काम करे और दूसरी तरफ इसका ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जा सके। हालांकि आज तक कोरोना वायरस परिवार से संबंधित किसी भी वायरस के लिए सफल मानवीय टीका नहीं बन सका है लेकिन स्टोफेल्स को भरोसा है कि वे इस उपलब्धि को हासिल कर लेंगे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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