कमला हैरिस को एशिया यात्रा के दौरान कुछ विवादों का सामना करना पड़ सकता है

Kamala
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उत्तर कोरिया की ओर से और अधिक उकसावे की संभावना है, जिसने रविवार को वाशिंगटन से हैरिस के प्रस्थान से कुछ समय पहले मिसाइल का परीक्षण किया। इस बीच, दक्षिण कोरिया और जापान एक सुलह की ओर बढ़ रहे हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध से मिली नकारात्मक चीजों को ठीक करने का काम करेगा।

अमेरिका की ओर से किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होना उपराष्ट्रपति के लिए एक सरल बात है, लेकिन जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के अंत्येष्टि समारोह में शामिल होने के लिए एशिया की यात्रा के दौरान कमला हैरिस को लगभग हर मोड़ पर विवादों का सामना करना पड़ेगा। ताइवान को चीनी आक्रमण से बचाने के लिए राष्ट्रपति जो. बाइडन द्वारा सैनिक भेजे जाने के मुद्दे पर मिश्रित संदेशों के बाद अमेरिका के सहयोगी इस पर स्पष्टता की मांग कर रहे हैं।

उत्तर कोरिया की ओर से और अधिक उकसावे की संभावना है, जिसने रविवार को वाशिंगटन से हैरिस के प्रस्थान से कुछ समय पहले मिसाइल का परीक्षण किया। इस बीच, दक्षिण कोरिया और जापान एक सुलह की ओर बढ़ रहे हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध से मिली नकारात्मक चीजों को ठीक करने का काम करेगा। वहां एक नए अमेरिकी कानून पर नाराजगी है, जो उत्तरी अमेरिका के बाहर निर्मित इलेक्ट्रिक वाहनों को सब्सिडी के लिए अयोग्य ठहराता है।

मंगलवार को होने वाला आबे का राजकीय अंतिम संस्कार भी जापान में एक संवेदनशील विषय है, जहां इस तरह के कार्यक्रम सामान्य नहीं हैं और दिवंगत नेता की विरासत विवादित है। आबे की लगभग तीन महीने पहले एक बंदूकधारी ने हत्या कर दी थी। उनके अंतिम संस्कार का विरोध करने के लिए एक बुजुर्ग व्यक्ति ने खुद को आग लगा ली तथा आने वाले दिनों में और अधिक प्रदर्शन हो सकते हैं। विवाद ने जापान के वर्तमान प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा को राजनीतिक रूप से कमजोर कर दिया है।

यह ऐसे समय हुआ है जब उनकी सरकार देश की सेना को मजबूत करने के आबे के लक्ष्य को आगे बढ़ाने की योजना बना रही है। यदि जापान अपने प्रस्तावित सैन्य खर्च के साथ आगे बढ़ता है तो आने वाले वर्षों में उसके पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा रक्षा बजट होगा। ताइवान एक स्वशासित लोकतंत्र है, लेकिन बीजिंग इसे अपने हिस्से के रूप में देखता है और इसे मुख्य भूमि के साथ फिर से जोड़ने का संकल्प व्यक्त करता रहता है।

आबे के अंतिम संस्कार के कार्यक्रम में वर्तमान और पूर्व अमेरिकी अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं हैरिस की तोक्यो में तीन दिन रुकने की योजना है। उनके किशिदा, दक्षिण कोरियाई प्रधानमंत्री हान डक-सू और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ से मिलने की उम्मीद है। हैरिस की जापान के व्यापार जगत के नेताओं के साथ मिलने की भी योजना है क्योंकि अमेरिका कंप्यूटर चिप निर्माण का विस्तार करना चाहता है।

जनवरी 2021 में पदभार ग्रहण करने के बाद से यह उपराष्ट्रपति की एशिया की दूसरी यात्रा होगी। दक्षिण कोरिया में पड़ाव के दौरान वह राष्ट्रपति यून सुक येओल से मिलने और प्रमुख महिलाओं के साथ एक गोलमेज चर्चा करने का इरादा रखती हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान की आक्रामकता के कारण दक्षिण कोरिया और जापान के बीच संबंध तनावपूर्ण रहते आए हैं। कोरियाई लोगों की मांग है कि देश पर जापान के कब्जे के दौरान कराए गए जबरन श्रम और यौन दासता के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए।

किशिदा और यून ने बृहस्पतिवार को संयुक्त राष्ट्र में घोषणा की कि वे दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए अपने काम में तेजी लाएंगे। बाइडन ने दोनों नेताओं के साथ अलग-अलग मुलाकात की, और अमेरिका चाहता है कि दोनों सहयोगी अपने मुद्दों को हल करें ताकि चीन के खिलाफ संयुक्त मोर्चा बनाया जा सके। जापान में अमेरिका के 55,000 सैनिक हैं, जिनमें से आधे से अधिक दक्षिणी द्वीप ओकिनावा पर तैनात हैं। दक्षिण कोरिया में हैरिस को और अधिक विवाद का सामना करना पड़ सकता है, जहां उन नए अमेरिकी नियमों पर नाराजगी है, जो उत्तरी अमेरिका के बाहर निर्मित इलेक्ट्रिक कारों को अमेरिका सरकार की सब्सिडी के लिए अयोग्य बनाते हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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