दो परमाणु वैज्ञानिकों की कहानी, एक ने अपने वतन का मान बढ़ाया दूसरे ने गोपनीय फाइलें बेच देश का नाम मिट्टी में मिलाया

abdul qadeer khan
अभिनय आकाश । Oct 11 2021 1:20PM

उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह आज जिस तरह से परमाणु हथियार बनाकर दुनिया को डरा रहा है। उस परमाणु तकनीक के पीछे पाकिस्तान के परमाणु बम का जनक माने जाने वाले अब्दुल कादिर खान हैं। जिन्होंने चुपके से 2004 में उत्तर कोरिया को ये तकनीक बेच दी थी।

शेक्सपीयर ने कहा था ‘वट इज  इन ए नेम’ यानी नाम में क्या रखा है?, गुलाब को यदि गुलाब न कह कोई दूसरा नाम देंगे तो क्या उस की खुशबू गुलाब जैसी नहीं रहेगी? लेकिन आज आपको समान नाम वाले दो व्यक्तियों की कहानी सुनाएंगे जिसमें से एक ने तो देश का मान बढ़ाया लेकिन दूसरे ने सीक्रेट फाइल लीक कर अपने देश के नाम को मिट्टी में मिलाया। हम बात कर रहे हैं भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइलमैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम और पाकिस्तान के परमाणु जनक माने जाने वाले वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान की।

भारत और पाकिस्तान की दुश्मनी वैसे तो किसी से छुपी नहीं है। ये तो हमें पता है कि चीन हमारे लिए पाकिस्तान से ज्यादा खतरनाक है लेकिन फिर भी हम चीन की बजाय पाकिस्तान को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानते हैं। भारत और पाकिस्तान पहले एक ही मुल्क थे। लेकिन 1947 के बंटवारे के बाद पाकिस्तान अलग मुल्क बना। दोनों देश अलग एक साथ हुए और लगभग एकसाथ ही आगे बढ़े। लेकिन आज भारत कहां खड़ा है और पाकिस्तान की हालात तो किसी से भी छुपी नहीं है। भारत और पाकिस्तान के पास ऐसे वैज्ञानिक हैं जिन्होंने अपने देशों को बुलंदी पर पहुंचाने की कवायद की। एक तरफ जहां भारत में मिसाइलमैन के नाम से मशहूर एपीजे अब्दुल कलाम जिन्हें भारत ने अपनी पलकों पर बिठाकर रखा और इतना ही नहीं उन्हें देश के सर्वोच्च पद पर भी बिठाया। लेकिन  पाकिस्तान को सुरक्षा के मामलों में अपने पैरो पर खड़ा करने वाले वैज्ञानिक के हिस्से में जेल नसीब हुई। 

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भारत में मिसाइल मैन के नाम से जाने जाते हैं कलाम

भारत के परमाणु कार्यक्रम के जनक माने जाने वाले वैज्ञानिक जिन्हें भारत के लोग मिसाइल मैन के नाम से भी जानते हैं। उनका नाम है एपीजे अब्दुल कलाम। कलाम ने केआर नारायण के बाद राष्ट्रपति पद की कमान संभाली थी। वो 2002 से 2007 तक इस पद पर रहे। वो देश के सर्वाधिक लोकप्रिय राष्ट्रपति थे। देश के 11वें राष्ट्रपति कलाम को भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण और 1990 में पद्म विभूषण ने नवाजा। कलाम को 1997 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया। देश को सुरक्षा के लिहाज से मजबूत करने वाले कलाम ने अग्नि और पृथ्‍वी जैसी मिसाइलों और परमाणु बम की बेजोड़ ताकत से देश को लैस करने में अहम भूमिका निभाई। 

पाकिस्तान के परमाणु जनक जिसने तकनीक ही दूसरे देश को बेच दी

उत्तर कोरिया का सनकी तानाशाह आज जिस तरह से परमाणु हथियार बनाकर दुनिया को डरा रहा है। उस परमाणु तकनीक के पीछे पाकिस्तान के परमाणु  बम का जनक माने जाने वाले अब्दुल कादिर खान हैं। जिन्होंने चुपके से 2004 में उत्तर कोरिया को ये तकनीक बेच दी थी। ये बात स्वीकार करने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था। पूरे मामले के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।  दरअसल, परमाणु प्रसार में अपनी भूमिका को लेकर बदनाम रहे परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान का बीमारी निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। वर्ष 1936 में भोपाल (अविभाजित भारत) में जन्मे और 1947 में विभाजन के बाद अपने परिवार के साथ पाकिस्तान आकर बस गए। खान को परमाणु बम का जनक और देश में एक नायक माना जाता है। उन्हें एक ऐसा व्यक्ति बताया जाता है जिन्होंने मुस्लिम जगत का पहला परमाणु बम बनाया था। वह 2004 में उस वक्त बदनाम हो गये, जब वह परमाणु प्रौद्योगिकी प्रसार के लिए खुद के जिम्मेदार होने की बात स्वीकार करने को मजबूर हुए और उन्हें आधिकारिक नजरबंदी में जीवन व्यतीत करने को मजबूर होना पड़ा। खान 2004 से सुरक्षा एजेंसियों की निगरानी में इस्लामाबाद के पॉश इलाके ई-7 सेक्टर में एकांतवास में रह रहे थे। उल्लेखनीय है कि खान ने मई 2016 में दावा किया था कि पाकिस्तान 1984 में ही परमाणु शक्ति बन सकता था लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति, जनरल जिया उल हक (1978-1988) इस कदम के खिलाफ थे। खान ने यह भी कहा था कि पाकिस्तान के पास रावलपिंडी के निकट कहुटा से पांच मिनट में दिल्ली को निशाना बनाने की क्षमता है। 

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