कोरोना की उत्पत्ति पर कई सवाल, आ गई लेटेस्ट पड़ताल, जांच से बचने के लिए डाटा डिलीट करवाने की चीनी चाल

wuhan lab
अभिनय आकाश । Jun 28 2021 3:09PM

वुहान वही शहर है जिसकी वजह से पूरी दुनिया पर कहर टूटा है। जहां की चार दीवारों से निकले वायरस ने लाखों घरों के चिराग को बुझा दिए। दुनिया के लाखों लोगों की मौत का जिम्मेदार कोरोना वायरस किस शहर से दुनिया में फैला है ये सभी जानते हैं। लेकिन पिछले डेढ़ साल के मिले अनुभवों से कई कई सवाल खड़े हो गए।

सल 1978 में अमिताभ बच्चन की फिल्म आई थी 'डॉन' जिसमें डॉन का किरदार निभाने वाले अमिताभ मोनिका से कहते हैं कि रिवाल्वर खाली है, ये डॉन जानता है, मोनिका जानती है, लेकिन पुलिस नहीं जानती। अब दुनिया के सभी लोग पुलिस की भूमिका में है लेकिन डॉन जो है उसके सारी असलियत का पता है। कोरोना वायरस कहां से आया, कब आया और कैसे आया। इन सवालों का जब भी जिक्र बोता है तो नजर चीन पर जाकर टिकती है। लेकिन अपनी सबूतों की इमारतों पर चीन इस बात को झूठला देता है या पीछे हट जाता है। कोरोना को लेकर चीन से जुड़े खुलासे लगातार सामने आ रहे हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अमेरिकी खुफिया एजेंसियों को इस बात की गहराई से जांच करने का आदेश दिया है कि क्या कोरोना वायरस पशु-से-मानव संचरण से स्वाभाविक रूप से पैदा हुआ या वुहान वायरोलॉजी लैब से गलती से लीक हो गया। 

सबूत मिटाने में लगा चीन

वुहान वही शहर है जिसकी वजह से पूरी दुनिया पर कहर टूटा है। जहां की चार दीवारों से निकले वायरस ने लाखों घरों के चिराग को बुझा दिए। दुनिया के लाखों लोगों की मौत का जिम्मेदार कोरोना वायरस किस शहर से दुनिया में फैला है ये सभी जानते हैं। लेकिन पिछले डेढ़ साल के मिले अनुभवों से कई कई सवाल खड़े हो गए। लेकिन चीन है कि मानता नहीं और तो और अब वो सबूत मिटाने की कवायद में भी लग गया है। दिसंबर 2019 में सबसे पहले वुहान में सामने आए संक्रमण के स्रोत की जांच में चीन सबसे बड़ी बाधा बना हुआ है। उसने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद महीनों जांच को टाला। उसने वीटो का उपयोग करके खुद बच निकलने के लिए जांच के दायरे में अन्य देशों को लाने की कोशिश की। अमेरिका में एक नया दावा किया गया है कि चीन ने कोरोना महामारी की उत्पत्ति की जांच के रोकने के लिए वायरस जीनोम के स्रोत तक पहुंचने  की एक अहम कड़ी हटवा दी है। 

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डब्ल्यूएचओ की टीम को भीअंधेरे में रखा गया

अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल में प्रकाशित  रिपोर्ट के अनुसार, वायरस की उत्पत्ति जानने के लिए इस साल के शुरू में वुहान पहुंची डब्ल्यूएचओ की टीम को पहले से जारी शोधों के बारे में अंधेरे में रखा गया। इससे टीम को वायरस से जुड़ी जानकारियां पाने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ा। चीन की सहमति के बिना वह कोई भी जांच गहराई से नहीं कर सकती थी। चीन में सबसे पहले मिले कोविड-19 के मामलों का कच्चा डाटा जांच टीम को नहीं दिया गया।

चीन ने किसी भी प्रकार की जानकारी देने से किया इनकार 

अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा कि वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलाजी अपनी सिविलियन रिसर्च के साथ-साथ सैन्य गतिविधियों में भी शामिल है। पोम्पियो ने मीडिया से कहा कि हम जानते हैं कि उस लैब के अंदर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संबंधित काम हो रहे हैं। उन्होंने ये भी दावा किया कि लैब में नागरिक शोध के नाम पर सैन्य गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था। उन्होंने कहा कि चीन ने किसी भी प्रकार की जानकारी देने से इनकार कर दिया था। यहां तक की डब्ल्यूएचओ की टीम ने वहां जाने की कोशिश की तो चीन ने इसकी इजाजत नहीं दी। जिसकी वजह से डब्ल्यूएचओ की टीम को बिना सबूतों की वजह से वापस लौटना पड़ा। 

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