चयन के बावजूद कई छात्रों ने जामिया में पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिला नहीं मिलने की शिकायत की

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केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया में चयनित उम्मीदवारों की सूची में नाम होने के बावजूद प्रोफेसर की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए कई छात्रों को विभिन्न पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले से कथित तौर पर वंचित कर दिया गया है।

केंद्रीय विश्वविद्यालय जामिया मिल्लिया इस्लामिया में चयनित उम्मीदवारों की सूची में नाम होने के बावजूद प्रोफेसर की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए कई छात्रों को विभिन्न पीएचडी पाठ्यक्रमों में दाखिले से कथित तौर पर वंचित कर दिया गया है। हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने दावा किया है कि किसी भी छात्र को प्रवेश से वंचित नहीं किया गया है और ‘‘अंतिम सूची’’ में उल्लिखित प्रत्येक नाम को एक सीट आवंटित की गई है। 

छात्रों ने दावा किया है कि पीएचडी के सभी पाठ्यक्रमों को मिलाकर लगभग 80 उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्हें लिखित परीक्षा के साथ-साथ साक्षात्कार के कई दौर में सफल होने और सभी आवश्यक दस्तावेज होने के बावजूद विश्वविद्यालय में दाखिला देने से मना कर दिया गया है। जामिया मिल्लिया इस्लामिया के गणित विभाग, जनसंचार विभाग, भूगोल विभाग और मनोविज्ञान विभाग सहित कई विभागों में यह समस्या पेश आने की सूचना मिली है।

छात्रों ने कहा कि उनके नाम पीएचडी पाठ्यक्रमों के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं, जो अभी भी वेबसाइट पर है। हालांकि, जब वे अपने डीन के दफ्तर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि उनका चयन नहीं हुआ है। नाम न जाहिर करने की शर्त पर एक पीएचडी छात्र ने कहा, हमारा पूरा साल बर्बाद हो गया। सूची देखते ही हममें से कई लोगों ने अपनी नौकरी छोड़ दी। अब हम अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। वे हमारी बात नहीं सुन रहे हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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