India US Deal: मोदी के जेम्स बॉन्ड के दांव से चीन के उड़े होश, रूस को कड़ा संदेश, क्या है भारत-अमेरिका की खुफिया डील?

 Modi James Bond
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । Feb 2 2023 3:48PM

अमेरिका कई बार खुले तौर पर कह चुका है कि हथियारों के लिए रूस पर अपनी निर्भरता की वजह से भारत उसके ज्यादा करीब है। इसलिए अमेरिका भी भारत को आधुनिक तकनीक मुहैया कराने में सहयोग करेगा।

भारत का दुश्मन देश पाकिस्तान तो पूरी तरह से तबाह हो ही चुका है। अब बारी चीन की है। भारत चीन को तबाह अमेरिका के साथ मिलकर करेगा और उसकी शुरुआत भी हो चुकी है। दोस्ती के लिए बेताब अमेरिका भारत के साथ उसी की शर्तों पर एक से बढ़कर एक रक्षा डील करने तक के लिए तैयार हो गया है। ये ऐसे समय पर हो रहा है जब भारत के एनएसए अजीत डोभाल अमेरिका दौरे पर हैं। चीन से मुकाबला करने के लिए अमेरिका और भारत ने महत्वकांक्षी तकनीक और रक्षा पहल शुरू कर दी है। इंडो पैसेफिक क्षेत्र में चीन का मुकाबला करने और हथियारों के लिए रूस पर से निर्भरता कम करने के लिए अमेरिका भारत उन्नत रक्षा और कंप्यूटिंग प्रोद्योगिकी साझा करने की योजना बना रहे हैं। अमेरिका कई बार खुले तौर पर कह चुका है कि हथियारों के लिए रूस पर अपनी निर्भरता की वजह से भारत उसके ज्यादा करीब है। इसलिए अमेरिका भी भारत को आधुनिक तकनीक मुहैया कराने में सहयोग करेगा। 

कितना खास है अजीत डोभाल का अमेरिका दौरा? 

भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिकी राष्ट्रपति सुरक्षा सलाहकार जैक सुलेविन के बीच में अहम मुलाकात हुई। मुलाकात में भारत और अमेरिका के बीच इनिसिएटिव ऑन क्रिटिकल एंड एम्रजिंग टेक्नोलॉजी यानी आईसीईटी डील हुई है। इस डील के जरिये दोनों देश मिलकर चीन की छुट्टी करेंगे। साथ ही दोनों देशों की आर्थिक प्रतिस्पर्धा को भी मजबूती मिलेगी।

दोनों देशों के बीच क्या डील हुई?

भारत और अमेरिका भविष्य में होने वाले हाईटेक युद्ध के लिए अत्याधुनिक हथियारों को मिलकर  बनाएंगे। इससे न केवल चीन पर लगाम लगेगी बल्कि भारत की रूस के हथियारों पर से निर्भरता कम होगी। विकास को लेकर समझौता हुआ है। भारत अपने स्‍वदेशी फाइटर जेट तेजस के लिए अमेरिका की कंपनी जीई के इंजन इस्‍तेमाल करता है। भारत-अमेरिका संबंधों में आईसीईटी को “नेक्स्ट बिग थिंग” (एक बड़ा कदम) बताया जा रहा है। 

पीएम मोदी करेंगे अमेरिका का दौरा 

एक खबर अचानक से सामने आई कि अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को अमेरिका आने का न्यौता दिया। दोनों ही देशों की टीम जल्द ही तारीख तय करेगी। जून के महीने में पीएम मोदी अमेरिका का दौरा कर सकते हैं। 

रूस पर निर्भरता होगी कम

 भारत अमेरिका के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नॉलाजी और अत्याधुनिक वायरलेस सिस्टम पर काम करना चाहता है ताकि चीन से उसकी निर्भरता खत्म हो और भविष्य में इससे ड्रैगन के संकट से निपटना आसान होगा। इसके साथ ही भारत में सेमीकंडक्टर के निर्माण के लिए एक समझौते पर भी भारत और अमेरिका के बीच बातचीत हुई।  रूस यूक्रेन युद्ध के बाद अब भारत के दुश्‍मन चीन का जूनियर पार्टनर बन चुका है। इसके अलावा रूस सही समय पर हथियारों की आपूर्ति भी नहीं कर पा रहा है। ऐसे में चीन के हमले में भारत को अपनी सुरक्षा करना मुश्किल हो सकता है।


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