सिक्किम गतिरोध से शुरू हो सकता है भीषण संघर्ष: चीनी मीडिया
![More Border Conflicts Can Trigger ''All-Out Confrontation'': Chinese Media More Border Conflicts Can Trigger ''All-Out Confrontation'': Chinese Media](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017071814290844.jpg)
सिक्किम सेक्टर की स्थिति के दीर्घकालिक रूप लेने के बीच चीनी मीडिया ने कहा है कि चीन को भारत के साथ गतिरोध के लिए तैयार हो जाने की जरूरत है।
बीजिंग। सिक्किम सेक्टर की स्थिति के दीर्घकालिक रूप लेने के बीच चीनी मीडिया ने कहा है कि चीन को भारत के साथ गतिरोध के लिए तैयार हो जाने की जरूरत है। चीन के मीडिया ने साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि इस तरह के अन्य संघर्षों से संपूर्ण वास्तविक नियंत्रण रेखा पर ‘भीषण संघर्ष’ छिड़ सकता है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के छपे लेख में दावा किया गया है कि डोकलाम पठार के पास सड़क बनाने से चीनी सेना को रोकने की भारतीय कार्रवाई ‘‘चीन की सम्प्रभुता का गंभीर उल्लंघन है।’’
यह सड़क भारत-चीन-भूटान की सम्मिलित सीमा के पास है। भारत ने सड़क निर्माण पर चिंता जताई है। भारत को डर है कि इसके माध्यम से चीनी सेना पूर्वोत्तर राज्यों तक उसकी पहुंच को बंद कर सकती है। चीन से कहा गया था कि सड़क निर्माण से मौजूदा हालात में बहुत बदलाव होंगे, जिनका भारत पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा। चीन की इस कार्रवाई के बाद पिछले एक महीने से दोनों देशों की सेनाओं के बीच गतिरोध जारी है।
लेख में कहा गया है कि यदि भारत ‘‘कई जगहों पर गतिरोध शुरू करता है तो, उसे पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ गंभीर संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।’’ जम्मू-कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत और चीन की सीमा की लंबाई 3,488 किलोमीटर है। इसका 220 किलोमीटर लंबा खंड सिक्किम में आता है। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के मीडिया समूह के इस अखबार ने लिखा है, ‘‘चूंकि गतिरोध जारी है, इसलिए चीन को दीर्घकालिक हालात का रूप ले रहे गतिरोध से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए, साथ-ही-साथ उसे तार्किक रूख भी बनाए रखना चाहिए।’’
उसने लिखा है, ‘‘चीन इसकी वकालत नहीं करता है और भारत के साथ सैन्य संघर्ष से बचता है, लेकिन चीन सम्प्रभुता की रक्षा के लिए युद्ध करने से डरता नहीं है, और वह स्वयं को दीर्घकालिक संघर्ष के लिए तैयार रखेगा।’’ अखबार ने लिखा है, चीन के भीतर आवाजें उठ रही हैं कि भारतीय सैनिकों को ‘‘तुरंत खदेड़ा जाना चाहिए’’, जबकि भारतीय जनता का विचार चीन के साथ युद्ध का है। उसने लिखा है, ‘‘हालांकि, दोनों पक्षों को संयम बरतने और मौजूदा गतिरोध को नियंत्रण से बाहर नहीं होने देने की जरूरत है।’'
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