मेरी सरकार की प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना, ईंधन की कमी दूर करना: विक्रमसिंघे
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बुधवार को अपने पार्टी मुख्यालय में एकत्र लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं है और उसकी हमेशा अनुमति देगी, बशर्ते कानून न तोड़ा जाए। उन्होंने कहा, ‘‘ देश के सबसे मुश्किल दौर में राष्ट्रपति बना हूं।
कोलंबो| श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि उनकी सरकार की मुख्य प्राथमिकता देश की जर्जर अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना और ईंधन की किल्लत को खत्म करना है।
श्रीलंका में आखिरी बार ईंधन की खेप भारत ने जून में रिण सहायता के तहत भेजी थी, जिसके बाद से देश (श्रीलंका) में ईंधन की किल्लत और बढ़ गई है।
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बुधवार को अपने पार्टी मुख्यालय में एकत्र लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नहीं है और उसकी हमेशा अनुमति देगी, बशर्ते कानून न तोड़ा जाए। उन्होंने कहा, ‘‘ देश के सबसे मुश्किल दौर में राष्ट्रपति बना हूं।
हमें अर्थव्यव्स्था को पटरी पर लाना है।’’विक्रमसिंघे ने कहा कि सरकार का पहला कार्य ईंधन के लिए लगने वाली कतार को कम करना और फिर उसे पूरी तरह से खत्म करना है। गौरतलब है कि 27 जून से सरकार ने ईंधन की आपूर्ति बंद की और इसे आवश्यक सेवाओं के लिए सीमित कर दिया।
श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजेसेकरा ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका अगले 12 महीने तक ईंधन के आयात को सीमिति रखेगा क्योंकि देश में विदेशी मुद्रा की भारी कमी है। उन्होंने पूरे देश में ईंधन के लिए राशन व्यवस्था भी लागू करने की घोषणा की।
उन्होंने कहा, ‘‘ईंधन की दैनिक मांग को पूरा नहीं किया जा सकता, इसलिए क्यूआर (कोड) प्रणाली लागू की गई है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन के आयात पर अगले 12 महीने तक पाबंदियां रहेंगी।
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