पनामागेट मामले में नवाज शरीफ दोषी करार, देना पड़ा इस्तीफा

Nawaz Sharif convicted in Panamgate case
[email protected] । Jul 28 2017 4:48PM

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज उस वक्त इस्तीफा दे दिया जब देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पनामागेट मामले में उनको पद के अयोग्य ठहरा दिया तथा भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आज उस वक्त इस्तीफा दे दिया जब देश के सर्वोच्च न्यायालय ने पनामागेट मामले में उनको पद के अयोग्य ठहरा दिया तथा उनके एवं उनकी संतानों के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज करने का आदेश दिया। यह तीसरी बार है जब 67 वर्षीय शरीफ का प्रधानमंत्री का कार्यकाल बीच में ही खत्म हो गया। न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान ने सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर-एक में फैसला पढ़कर सुनाया। इस मौके पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ कार्यकर्ताओं ने अदालत के बाहर जश्न मनाया।

अदालत ने शरीफ को संविधान के अनुच्छेद 62 और 63 के तहत अयोग्य ठहराया। इन अनुच्छेदों के अनुसार ससंद के सदस्य को ‘ईमानदार’ और ‘इंसाफ पसंद’ होना चाहिए। न्यायमूर्ति खान ने कहा, ‘‘वह संसद के सदस्य के तौर पर अयोग्य ठहराए जाते हैं इसलिए वह प्रधानमंत्री कार्यालय में बने रहने के योग्य नहीं रह गए।’’ शीर्ष अदालत के फैसले के बाद सरकारी टीवी चैनल पीटीवी ने खबर दी कि शरीफ ने प्रधानमंत्री पद छोड़ दिया है। उसने अपनी खबर में कहा कि सरकार ने गंभीर आपत्तियां होने के बावजूद अदालत के फैसले को स्वीकार कर लिया है।

सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) को भी आदेश दिया कि वह शरीफ, उनके बेटों हुसैन एवं हसन और बेटी मरियम के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला शुरू करे। उसने यह भी आदेश दिया कि छह सप्ताह के भीतर मामला दर्ज किया जाए और छह महीने के भीतर सुनवाई पूरी की जाए।

रेडियो पाकिस्तान के अनुसार वित्त मंत्री इसहाक डार और नेशनल असेंबली के सदस्य कैप्टन मुहम्मद सफदर को भी पद के अयोग्य ठहराया गया है। इस फैसले के बाद इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने शरीफ पर कटाक्ष करते हुए ट्वीट किया, ‘‘भलाई के लिए गॉडफादर के शासन का अंत....सच्चाई और इंसाफ कायम होगा।’' पूर्व सूचना मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा कि शरीफ जल्द चौथी बार प्रधानमंत्री के तौर पर वापसी करेंगे। मरियम ने कहा, ‘‘हम अदालत के फैसले से निराश हैं लेकिन पाकिस्तान के ऐतहासिक संदर्भ में यह हैरानी की बात नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि पीएमएल-एन अब भी एक बड़ी पार्टी है और जब कभी शरीफ को हटाया गया तो जनता उनको पहले से बड़े जनादेश के साथ सत्ता में वापस लाई। मरियम ने कहा कि आने वाले समय में पीएमएल-एन अपने आगे के कदम के बारे में ऐलान करेगी।

पीठ में न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा, न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान, न्यायमूर्ति गुलजार अहमद और न्यायमूर्ति शेख अजमत सईद और न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन थे। यह मामला 1990 के दशक में उस वक्त धनशोधन के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे। शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ। इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है। इन संपत्तियों में लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट शामिल हैं। वह पाकिस्तान के सबसे रसूखदार सियासी परिवार और सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के मुखिया हैं।

सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पूरी उत्सुकता के साथ इंतजार किया जा रहा था क्योंकि शरीफ के पिछले दो कार्यकाल तीसरे साल में खत्म हो गए थे। इस्पात कारोबारी-सह-राजनीतिज्ञ शरीफ पहली बार 1990 से 1993 के बीच प्रधानमंत्री रहे। उनका दूसरा कार्यकाल 1997 में शुरू हुआ जो 1999 में तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद खत्म हो गया। सर्वोच्च न्यायालय ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए इसी साल मई में संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था। जेआईटी ने गत 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी। जेआईटी ने कहा कि शरीफ और उनकी संतानों की जीवनशैली उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं ज्यादा भव्य है और उसने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज करने की अनुशंसा की थी।

शरीफ ने जेआईटी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ‘बेबुनियाद आरोपों का पुलिंदा’ करार दिया था और पद छोड़ने से इनकार किया था। गत 21 जुलाई को शीर्ष अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले के मद्देनजर इस्लामाबाद पुलिस ने विशेष सुरक्षा प्रबंध किए और राजधानी के मध्य ‘रेड जोन’ इलाके को आम लोगों के लिए बंद कर दिया। इस इलाके में सर्वोच्च न्यायालय सहित कई महत्वूर्ण इमारतें हैं।

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