दक्षिण सूडान में शांति कायम करने में सफल हुए भारतीय शांतिदूत
हिंसा से त्रस्त पूर्वी अफ्रीकी देश दक्षिण सूडान के अकोबो शहर में सुरक्षा और शांति कायम करने में मदद करने के लिए दक्षिण सूडान के संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) के साथ काम कर रहे भारत के शांतिदूतों की सराहना हो रही है।
संयुक्त राष्ट्र। हिंसा से त्रस्त पूर्वी अफ्रीकी देश दक्षिण सूडान के अकोबो शहर में सुरक्षा और शांति कायम करने में मदद करने के लिए दक्षिण सूडान के संयुक्त राष्ट्र मिशन (यूएनएमआईएसएस) के साथ काम कर रहे भारत के शांतिदूतों की सराहना हो रही है। शहर में हिंसा के चलते नागरिकों को भागना पड़ा है, वहीं यहां की अर्थव्यवस्था भी तबाह हो गई है।
यूएनएमआईएसएस की एक विज्ञप्ति में बताया गया कि भारतीय शांतिदूत दक्षिण सूडान के पूर्वोत्तर में जोंगलेई क्षेत्र के अकोबो शहर में इस वर्ष फरवरी में बनाए गए अस्थायी ठिकाने से काम करते हैं।
संरा के शांतिदूत पहले अकोबो से काम करते थे लेकिन दिसंबर 2013 में हमले के बाद उनका ठिकाना बंद कर दिया गया था। उस हमले में भारत के दो शांतिदूत और 30 नागरिक मारे गए थे। इसके बाद संरा मिशन के प्रमुख डेविड शीअरर ने मिशन को फिर से स्थापित करने की कवायद की। विज्ञप्ति में इंडियन बटालियन के कमांडिंग अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल सिंह नेगी ने कहा, परिणाम सामने हैं। फरवरी में जब हम यहां आए थे तब यहां कुछ नहीं था।
अब आप देख सकते हैं कि बड़े पैमाने पर निर्माण हो रहे हैं, कई बस्तियां यहां बन गई हैं। साफ संकेत हैं कि यूएनएमआईएसएस के आने के बाद ये सहां लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसमें कहा गया, ‘‘ लोग अकोबो लौटने लगे। हम उनके घर फिर से बना रहे हैं।
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