भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकार बनाए रखने के प्रयास दोगुना करने की जरूरत: संरा मानवाधिकार प्रमुख

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जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 54वें सत्र को संबोधित करते हुए तुर्क ने कहा कि भारत में उनके कार्यालय को अकसर जानकारी मिलती रहती है कि हाशिए पर रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय हिंसा और भेदभाव के शिकार होते हैं।

 संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क ने सोमवार को कहा कि भारत में सभी अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बनाए रखने के प्रयासों को दोगुना करने की स्पष्ट आवश्यकता है।

जिनेवा में मानवाधिकार परिषद के 54वें सत्र को संबोधित करते हुए तुर्क ने कहा कि भारत में उनके कार्यालय को अकसर जानकारी मिलती रहती है कि हाशिए पर रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय हिंसा और भेदभाव के शिकार होते हैं। उन्होंने दावा किया, ‘‘मुसलमान अकसर ऐसे हमलों का निशाना बनते हैं, हाल ही में उत्तर भारत में हरियाणा और गुरुग्राम में ऐसा हुआ।

मणिपुर में, अन्य समुदाय भी मई से हिंसा और असुरक्षा का सामना कर रहे हैं।’’ तुर्क ने कहा, ‘‘असहिष्णुता, घृणा भाषण, धार्मिक अतिवाद और भेदभाव से निपटकर सभी अल्पसंख्यकों के अधिकारों को बनाए रखने के प्रयासों को दोगुना करने की स्पष्ट आवश्यकता है।’’ भारत ने अतीत में कहा है कि न्यायपालिका सहित सभी स्तरों पर भारतीय अधिकारी मणिपुर की स्थिति से अवगत हैं और शांति एवं सद्भाव तथा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठा रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में, भारत ने मणिपुर पर संयुक्त राष्ट्र विशेषज्ञों की टिप्पणियों को सख्ती से खारिज किया था।

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