कोरोना महामारी के बीच उत्तर कोरिया ने ‘बहुत बड़े’ रॉकेट लांचर का परीक्षण किया

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सारी दुनिया जहां कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है वहीं उत्तर कोरिया का दावा है कि उसके यहां कोविड-19 का एक भी मामला नहीं है। दक्षिण कोरिया ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से रविवार को दो प्रक्षेपास्त्र दागे गए जो संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल हैं।

सियोल। परमाणु शक्ति से लैस उत्तर कोरिया ने ‘बहुत बड़े’ रॉकेट लांचर का सफल परीक्षण किया है। सरकारी मीडिया ने सोमवार को यह जानकारी दी। हालांकि इन खबरों में यह नहीं कहा गया है कि परीक्षण उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की देखरेख में हुआ क्योंकि विश्लेषकों का कहना है कि प्योंगयांग इन परीक्षणों को बहुत सामान्य दिखाना चाहता है। उत्तर कोरिया इस महीने में इस तरह के चार परीक्षण कर चुका है। सारी दुनिया जहां कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है वहीं उत्तर कोरिया का दावा है कि उसके यहां कोविड-19 का एक भी मामला नहीं है।

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आमतौर पर आधिकारिक कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) इस तरह के परीक्षणों में किम जोंग उन का नाम जरूर लेती है लेकिन रविवार के परीक्षण की अपनी रिपोर्ट में उसने किम का नाम नहीं लिया। इसके उलट एजेंसी ने कहा कि परीक्षण का नेतृत्व सत्तारूढ़ दल के उपाध्यक्ष री प्योंग चोल ने किया और यह परीक्षण एकेडमी ऑफ नेशनल डिफेंस साइंस ने किया। दक्षिण कोरिया ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से रविवार को दो प्रक्षेपास्त्र दागे गए जो संभवत: बैलिस्टिक मिसाइल हैं। उसने कहा कि ये प्रक्षेपास्त्र उत्तर कोरिया के तटीय शहर वॉनसन से जापान सागर में दागे गए जिसे ईस्ट सी भी कहा जाता है। एसन इंस्टीट्यूट फॉर पॉलिसी स्टडीज में विश्लेषक मो म्यांग ह्यून ने कहा कि किम की गैरमौजूदगी दिखाकर उत्तर कोरिया परीक्षण को ज्यादा महत्व नहीं देना चाहता बल्कि उसका जोर इस बात पर है कि मिसाइल परीक्षण सामान्य अभ्यास का ही हिस्सा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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