अब अमेरिका की वाणिज्य मंत्री संबंध सुधारने के प्रयास के तहत चीन का दौरा करेंगी

Minister Gina Raimondo
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अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जून में बीजिंग की दो दिवसीय यात्रा की थी, जो पिछले पांच वर्षों में चीन में उच्चतम स्तर की बैठक थी। ब्लिंकन ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की और दोनों के बीच अमेरिका-चीन संबंधों को स्थिरता प्रदान करने पर सहमति बनी, लेकिन दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर संचार पर सहमति नहीं बन सकी।

अब अमेरिका की वाणिज्य मंत्री जीना रायमोंडो चीन का दौरा करेंगी क्योंकि जो बाइडन प्रशासन की कोशिश दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच बिगड़ते संबंधों को सुधारने की है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की कैबिनेट में शामिल रायमोंडो आर्थिक संबंध को ‘जिम्मेदारीपूर्वक’ प्रबंधित करने के अमेरिकी प्रयास से समझौता किए बिना ‘व्यावहारिक’ होने का वादा करती हैं। रायमोंडो ने ‘स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने, समान स्तर पर प्रतिस्पर्धा, नियमानुसार चलने’ को प्रोत्साहित करने के प्रयास में बीजिंग और शंघाई में चीनी अधिकारियों और अमेरिकी व्यापार जगत के नेताओं के साथ बैठक की योजना बनाई है।

उन्होंने शनिवार को वाशिंगटन से रवाना होने से पहले संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैं चुनौतियों के बारे में भी बहुत यथार्थवादी और स्पष्ट दृष्टिकोण वाली हूं। ये चुनौतियाँ महत्वपूर्ण हैं।’’ उनका यह दौरा बुधवार को समाप्त होगा। मंत्री ने कहा कि वह कार्रवाई योग्य, ठोस कदम उठाना चाहती हैं जहां दोनों देश वाणिज्यिक संबंधों को आगे बढ़ सकें। उन्होंने इसका कुछ ब्योरा भी दिया। चर्चा का एक मुद्दा अमेरिका में चीनी लोगों की यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देना है। रायमोंडो ने हाल ही में अमेरिका जाने वाले बड़े चीनी समूहों पर प्रतिबंधों में ढील की बात कही। गत जुलाई में वित्त मंत्री जेनेट येलेन की चीन यात्रा की तरह रायमोंडो की यात्रा का भी मकसद विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बढ़ते तनाव के समय आर्थिक विकास पर चीन के साथ साझेदारी करने की प्रशासन की इच्छा को दर्शाना है।

वाशिंगटन इसी के साथ जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ के साथ गठबंधन को मजबूत कर रहा है। अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने जून में बीजिंग की दो दिवसीय यात्रा की थी, जो पिछले पांच वर्षों में चीन में उच्चतम स्तर की बैठक थी। ब्लिंकन ने राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की और दोनों के बीच अमेरिका-चीन संबंधों को स्थिरता प्रदान करने पर सहमति बनी, लेकिन दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर संचार पर सहमति नहीं बन सकी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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