One Year of Russia-Ukraine War: जेलेंस्की झुकेंगे नहीं, पुतिन रुकेंगे नहीं, ऐसे आते रहे उतार-चढ़ाव, कहां जाएगा ये युद्ध

1 साल में बर्बादी के आंकड़े दिल को दहला देने वाले हैं। एक साल बाद भी यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है कि कौन इस युद्ध में जीत रहा है और कौन इस युद्ध में हार रहा है। लेकिन एक बात तो तय है कि इस युद्ध में यूक्रेन तबाह हुआ है तो और उस पर भी इस तबाही का असर देखा गया है। लेकिन कोई तो है जो इस युद्ध के बाद भी मुनाफा कमा रहा है। आइए आपको बताते हैं कि इन 365 दिनों के बाद किस तरह के सदमों से यह पूरा दौर भरा हुआ है।
ऐसे शुरू हुआ रूस का ऑपरेशन यूक्रेन
24 फरवरी 2022 को स्पेशल ऑपरेशन के नाम पर जंग शुरू करने के बाद रूसी सेना ने मार्च 2022 में यूक्रेन के बड़े शहर खेरसोन पर कब्जा कर लिया। फिर 15 अप्रैल 2022 को युद्ध क्षेत्र से एक बड़ी खबर आई। काले सागर में रूसी युद्धपोत मोस्कोवा डूब गया।यूक्रेन ने दावा किया कि उन्होंने दो नेप्चून मिसाइलों से मोस्कोवा को डुबो दिया। 510 चालक दल वाला यह मिसाइल क्रूजर रूस की सैन्य शक्ति का प्रतीक था। यूक्रेन के खिलाफ समुद्र के रास्ते हमले का नेतृत्व यही युद्धपोत कर रहा था। रूस के लिए यह बहुत बड़ा झटका था। इसलिए इसका इतना ही निर्मम बदला लिया गया गया। इसके बाद मारियुपोल पर कब्जे का अभियान शुरू हुआ। मारियुपोल में उसने इतनी बमबारी की कि जून तक पूरा शहर वीरान और कब्रिस्तान बन गया।
इसके बाद जून में दुनिया के सबसे बड़े जो अजोवस्टल आयरन एंड स्टील वर्क्स प्लांट का युद्ध शुरू हुआ। यहां भी यूक्रेन के सैनिकों ने रूसी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया।
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नाटो की एंट्री ने बदला युद्ध का रुख
अगस्त के महीने में यूक्रेन को नाटो से मिले हथियारों ने जंग का रुख बदलना शुरू कर दिया। यूक्रेन की सेना ने पूर्वोत्तर में खरकीव की तरफ जैवलिन मिसाइलों से रूसी टैंकों का कब्रिस्तान बनाया। फिर रूसी सेना पीछे हटने लगी। अक्टूबर में रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले 19 किलोमीटर लंबे रोड और ब्रिज को धमाके से उड़ा दिया गया। इस धमाके के बाद ट्रेन के साथ जा रहे इंधन टैंक के साथ डिब्बों में आग लग गई थी।
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कब क्या हुआ: रूस यूक्रेन जंग की पूरी टाइमलाइन
24 फरवरी: रूस ने यूक्रेन पर उत्तर, पूरब और दक्षिण से हमला किया। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि इस स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन' का मकसद यूक्रेन में रूसी मूल के लोगों की रक्षा करना है।
मार्च: रूस ने यूक्रेन के दक्षिणी शहर खेरसॉन और जपोरिज्जिया के बड़े हिस्से पर कब्जा किया।
अप्रैल: रूसी सैनिकों के हटने के बाद कीव के नजदीकी शहर बूचा में सामूहिक कब्रें उजागर हुईं। आम लोगों को नजदीक से गोली मारी गई। मारियुपोल खंडहर में बदल दिया गया। यूक्रेन की मिसाइल ने काला सागर में रूस के वॉर शिप को डुबो दिया।
मई: मारियुपोल के अजोवस्टल स्टील मिल में छिपे यूक्रेनी लड़ाकों ने भी सरेंडर कर दिया। मारियुपोल पर कब्जे से रूसी सैनिकों के लिए क्रीमिया तक जमीनी आवाजाही आसान हो गई।
जूनः यूक्रेन को अमेरिकी रॉकेट सिस्टम हिमार्स समेत सैनिक साजोसामान की सप्लाई, यूक्रेनी सैनिकों ने रूस से स्नेक आइलैंड छीना।
जुलाई: जंग से दुनिया में उपजे अनाज संकट को दूर करने के लिए तुर्किये की मध्यस्थता में रूस और यूक्रेन ने संयुक्त राष्ट्र के साथ अनाज के निर्यात के लिए समझौता किया। अनाज का निर्यात फिर शुरू हुआ।
अगस्तः यूक्रेन में रूसी सैनिकों को क्रीमिया से रसद भेजी जा रही थी। यूक्रेनी सैनिकों ने इसके एयर बेस, पावर स्टेशन और हथियार भंडारों को निशाना बनाया। मॉस्को में रूसी राष्ट्रवादी नेता एलिग्जेंडर दुगिन की बेटी की बम ब्लास्ट में मौत ।
सितंबरः पूतिन ने 3 लाख रिजर्व सैनिकों की लामबंदी का आदेश दिया। यूक्रेन के दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जपोरिज्जिया को रूस में शामिल करने का आदेश पास किया।
अक्टूबर : रूस की सरजमीं को क्रीमिया से जोड़ने वाले पुल पर धमाका हुआ। रूस ने यूक्रेन के पावर प्लांट और अन्य अहम इमारतों पर मिसाइलों से हमला किया। नतीजा यूक्रेन के कई शहर अंधेरे में डूबे। बिजली कटौती करनी पड़ी।
नवंबर: यूक्रेन के जवाबी हमलों के कारण रूस को खेरसॉन का कब्जा छोड़ना पड़ा। जनमतसंग्रह से हासिल हुए शहर से यों खदेड़ा जाना रूस के लिए बड़ा शर्मनाक था ।
दिसंबर 2022: रूस की सेना ने कहा कि यूक्रेन ने उसके दो एयरबेस पर ड्रोन से हमला किया। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की जंग के बाद अपने पहले अमेरिकी दौरे पर वॉशिंगटन पहुंचे और पैट्रियट जैसे एयर डिफेंस सिस्टम समेत कई हथियार मांगे।
जनवरी: यूक्रेन की सेना ने दोनेत्स्क में स्कूल में ठहरे रूसी सैनिकों पर हमला किया। रूस ने 89 सैनिकों की मौत की बात मानी।
फरवरी : 16 फरवरी को l रूस ने यूक्रेन में अहम बुनियादी सुविधाओं पर 32 मिसाइलें दागीं।
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