पाकिस्तानी सेना मौजूदा राजनीतिक संकट में किसी का पक्ष नहीं ले रही : शहबाज शरीफ

Shahbaz Sharif

अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर नेशनल असेंबली का सत्र 21 मार्च को बुलाए जाने की उम्मीद है और प्रस्ताव पर मतदान 28 मार्च को होने की संभावना है।

इस्लामाबाद| पाकिस्तान की संसद में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ का मानना है कि शक्तिशाली सैन्य प्रतिष्ठान प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने से देश में उत्पन्न मौजूदा राजनीतिक संकट में किसी का पक्ष नहीं ले रहा है।

‘समा टीवी’ के शो ‘नदीम मलिक लाइव’ में शुक्रवार रात शरीफ ने सेना के साथ अपने संबंधों, नए सेना प्रमुख की नियुक्ति, चुनावी सुधार और मौजूदा राजनीतिक हालात में सेना की भूमिका समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की।

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष और तीन बार के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने कहा कि विपक्षी दल उन्हें अंतरिम प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन अंतिम फैसला पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ द्वारा किया जाएगा। नवाज शरीफ इलाज के लिए मौजूदा समय में लंदन में हैं।

पीएमएल-एन और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के लगभग 100 सांसदों ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय को एक अविश्वास प्रस्ताव सौंपा, जिसमें आरोप लगाया गया कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) नीत खान के नेतृत्व वाली सरकार देश में मौजूदा आर्थिक संकट और बढ़ती महंगाई के लिए जिम्मेदार है।

अविश्वास प्रस्ताव के मद्देनजर नेशनल असेंबली का सत्र 21 मार्च को बुलाए जाने की उम्मीद है और प्रस्ताव पर मतदान 28 मार्च को होने की संभावना है।

‘समा टीवी’ पर साक्षात्कार के दौरान शरीफ से वर्तमान परिदृश्य में सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका के बारे में पूछा गया, जिस पर उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्यों को अब तक कहीं से फोन नहीं आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे किसी ने नहीं बताया कि उन्हें (प्रतिष्ठान से) फोन आया है।’’ उल्लेखनीय है कि शक्तिशाली सेना ने इस महीने देश में उत्पन्न राजनीतिक स्थिति से यह कहते हुए खुद को अलग कर लिया था कि उसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है। सेना के प्रवक्ता बाबर इफ्तिकार ने कहा, ‘‘यह सभी के लिए बेहतर होगा कि वे इस मामले (मौजूदा स्थिति में सेना की भूमिका) पर अनावश्यक कयास नहीं लगाए।’’ सेना ने अपने रुख को दोहराया कि उसका राजनीति से कोई लेना देना नहीं है और मीडिया एवं लोगों से आह्वान किया कि वे इस बारे में कयास न लगाए।

मेजर जनरल इफ्तिकार की यह टिप्पणी सूचना मंत्री फवाद चौधरी के उस दावे के बाद आई कि देश की शक्तिशाली सेना द्वारा विपक्ष का समर्थन करने की जानकारी गलत है और वह अब भी प्रधानमंत्री इमरान खान सरकार के साथ है।

शहबाज शरीफ ने कहा कि इमरान खान कहते थे कि जब अंपायर तटस्थ हो जाता है तो सब कुछ निष्पक्ष हो जाता है, लेकिन अब उन्होंने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है जिसे ‘‘मैं अपनी जुबान से कह नहीं सकता।’’ वह प्रधानमंत्री के एक हालिया बयान का जिक्र कर रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि इंसान पक्ष लेते हैं और ‘‘केवल जानवर तटस्थ होते हैं।’’

शाहबाज ने कहा कि देश के सभी सेना प्रमुख के साथ उनके हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं क्योंकि उन्होंने रावलपिंडी (सेना मुख्यालय) और इस्लामाबाद (सरकार के कामकाज का स्थान) के बीच एक सेतु का काम किया।

अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति के बारे में एक सवाल के जवाब में शहबाज ने कहा, ‘‘अभी इसमें समय है और समय आने पर राष्ट्रहित में इस पर विचार किया जाएगा।’’ मौजूदा सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल नवंबर में खत्म होने वाला है।

उन्होंने कई बार सवाल करने के बावजूद इस सवाल का जवाब देने से इंकार कर दिया कि ‘‘उनके (बाजवा के) के कार्यकाल में विस्तार देने पर विचार होगा या नहीं।’’शहबाज ने कहा कि इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जीतने के बाद विपक्ष जल्द चुनाव सुधार की समीक्षा और सुधार करेग जिसमें विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों के मताधिकार का मुद्दा भी शामिल होगा।

उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री खान संसद के जरिये चुनाव सुधार कानूनों को नष्ट कर रहे हैं और विपक्ष उनमें उचित बदलाव करेगा।

उन्होंने कहा कि विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों को मताधिकार मिलना चाहिए लेकिन इसे इस प्रकार से किया जाना चाहिए कि किसी एक पार्टी को लाभ नहीं मिले और सभी को समान अवसर मिले। शहबाज ने पुष्टि की कि उनकी विदेश में रह रहे पाकिस्तानियों के लिए राष्ट्रीय एसेंबली और सीनेट में सीट आरक्षित करने की योजना है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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