UN में पाक ने उठाया कश्मीर मुद्दा, हस्तक्षेप का किया आग्रह

Pakistan raises Kashmir issue in United Nation

‘‘अगर भारत की ओर से नियंत्रण रेखा पार की जाती है या पाकिस्तान के खिलाफ सीमित युद्ध के सिद्धांत पर काम किया जाता है तो उसे कड़ा और वैसा ही जवाब दिया जाएगा।’’

संयुक्त राष्ट्र। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर के लिए विशेष दूत नियुक्त करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि भारत इस क्षेत्र में लोगों के संघर्ष का ‘‘क्रूरतापूर्वक दमन’’ कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में गुरुवार को अपने पहले संबोधन में अब्बासी ने भारत पर उनके देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त होने का आरोप लगाया और उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उसकी (भारत की) ओर से नियंत्रण रेखा पार की जाती है या पाकिस्तान के खिलाफ सीमित युद्ध के सिद्धांत पर काम किया जाता है तो उसे ‘‘वैसा ही जवाब’’ दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘कश्मीर विवाद को उचित, शांतिपूर्ण तरीके से और तेजी से सुलझाना चाहिए। चूंकि भारत, पाकिस्तान के साथ शांति प्रक्रिया बहाल करने का इच्छुक नहीं है तो हम सुरक्षा परिषद से जम्मू कश्मीर पर उसके घोषणापत्र को लागू करने के दायित्वों को पूरा करने का अनुरोध करते हैं।’’ अब्बासी ने कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र महासचिव को कश्मीर के लिए विशेष दूत नियुक्त करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक भारत-पाकिस्तान सीमा पर 600 से ज्यादा बार संघर्षविराम उल्लंघन होने के बावजूद पाकिस्तान ने संयम के साथ कार्रवाई की है।

भारत विरोधी राग अलापते हुए उन्होंने कहा, ‘‘अगर भारत की ओर से नियंत्रण रेखा पार की जाती है या पाकिस्तान के खिलाफ सीमित युद्ध के सिद्धांत पर काम किया जाता है तो उसे कड़ा और वैसा ही जवाब दिया जाएगा।’’ समझा जाता है कि भारत संयुक्त राष्ट्र में जल्द ही कश्मीर पर अब्बासी के बयान का जवाब देगा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत की सेना आत्म निर्णय के लिए जम्मू कश्मीर के लोगों के वैध संघर्ष का क्रूरता से दमन करती जा रही है।’’ पांच माह पहले ही प्रधानमंत्री बने अब्बासी ने अपने संबोधन में कश्मीर का उल्लेख 17 बार और भारत का उल्लेख 14 बार किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की स्थापना के पहले दिन से ही उनका देश अपने पूर्वी पड़ोसी (भारत) की निरंतर शत्रुता का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सर्वसम्मति से पारित किए गए घोषणापत्र को लागू करने से इनकार कर दिया जिसमें संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में जनमत संग्रह कराने की बात है ताकि जम्मू कश्मीर के लोग स्वतंत्र हो कर अपनी किस्मत का फैसला कर सकें।’’ अब्बासी ने कहा, ‘‘इसके बजाय भारत ने कब्जे वाले कश्मीर में कश्मीरी लोगों के आत्म निर्णय के अधिकार के वैध संघर्ष को कुचलने के लिए करीब 700,000 सैनिकों को तैनात किया है।

 

हालिया इतिहास में यह सबसे तीव्र विदेशी सैन्य कब्जा है।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘शॉटगन पैलेट्स ने बच्चों समेत हजारों कश्मीरी लोगों को अंधा कर दिया और उन्हें अपंग बना दिया। यह और अन्य क्रूरता स्पष्ट तौर पर युद्ध अपराध हैं और जिनेवा संधि का उल्लंघन है।’’ अब्बासी ने कश्मीर में कथित अत्याचारों की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की और ‘‘मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार लोगों’’ को सजा देने तथा पीड़ितों को न्याय और राहत देने के लिए जम्मू कश्मीर में एक जांच आयोग को भेजने की मांग की। बहरहाल, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान सभी लंबित मुद्दों खासतौर से कश्मीर मुद्दे तथा क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के कदमों पर चर्चा करने के लिए भारत के साथ व्यापक वार्ता बहाल करने के लिए तैयार है। अब्बासी ने कहा, ‘‘इस वार्ता के साथ भारत को पाकिस्तान के खिलाफ विध्वंसक गतिविधियों और सरकार प्रायोजित आतंकवाद के अभियान को समाप्त करना होगा।’’

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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