साइबर और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के साथ और सहयोग बढ़ायेगा अमेरिका
![Pentagon asked to work with India in cyber space operating Pentagon asked to work with India in cyber space operating](https://images.prabhasakshi.com/2017/7/_650x_2017071912003142.jpg)
अमेरिकी संसद की समिति ने रक्षा समझौते के अति महत्वपूर्ण लक्ष्यों के बीच बढ़ रहे अंतर पर चिंता जताते हुए पेंटागन को भारत के साथ साइबर और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में मिल कर काम करने के लिए कहा है।
वाशिंगटन। अमेरिकी संसद की एक समिति ने भारत और अमेरिका के बीच रक्षा समझौते के अति महत्वपूर्ण लक्ष्यों के बीच बढ़ रहे अंतर पर चिंता जताते हुए पेंटागन को भारत के साथ साइबर और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में मिल कर काम करने के लिए कहा है। वार्षिक नेशनल डिफेंस ऑथराइजेशन एक्ट (एनडीएए) 2018 को पारित करने के बाद सीनेट को भेजी गयी अपनी रिपोर्ट में सशस्त्र सेवा संसदीय समिति ने कहा, ‘‘अमेरिका के प्रमुख रक्षा साझेदार भारत के साथ भविष्य के प्रति आशान्वित होते हुए’’, समिति पेंटागन को भारत के साथ साइबर और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्र में उचित सामरिक, अभियानगत और सुनियोजित स्तरों पर कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
समिति ने 600 पृष्ठ वाली अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘‘समिति का यह मानना है कि उभरती हुई अर्थव्यवस्था और अहम सुरक्षा साझेदार होने के नाते भारत वह स्थान पाने का हकदार है जहां अमेरिका अपने अहम साझेदारों के साथ दोनों क्षेत्रों में काम कर रहा है।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका और भारत के बीच रक्षा संबंधों में प्रगति देख कर प्रसन्नता हुई। इसके अलावा दोनों देशों ने अपने वार्षिक नौसैन्य अभ्यास ‘मालाबार’ में सुधार किया है और इसमें जापान के शामिल होने से अभ्यास को और फायदा हुआ है। जॉन मैक्केन की अगुवाई वाली सशस्त्र सेवा संसदीय समिति अमेरिका की रक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को निर्धारित करने में अहम भूमिका निभाती है। समिति ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच रक्षा समझौते के अति महत्वपूर्ण लक्ष्यों के बीच बढ़ रहे अंतर पर चिंतित है।
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