डोनाल्ड ट्रंप के चीन विरोधी संदेश से भारत को अवगत कराएंगे पोम्पिओ और एस्पर

Pompeo and Esper

विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर सामरिक और सुरक्षा मुद्दों पर मंगलवार को अपने भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ चर्चा करेंगे।

वाशिंगटन। अमेरिका में चुनाव से महज एक सप्ताह पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दो शीर्ष मंत्री भारत की यात्रा पर जा रहे हैं। भारत में होने वाली उनकी बैठकों के दौरान मौटे तौर पर चीन के बढ़ते वैश्विक प्रभाव को रोकने पर चर्चा होने की उम्मीद है। इस दौरान दोनों मंत्री भारत को ट्रंप के चीन विरोधी संदेश से अवगत कराएंगे। विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर सामरिक और सुरक्षा मुद्दों पर मंगलवार को अपने भारतीय समकक्षों एस जयशंकर और राजनाथ सिंह के साथ चर्चा करेंगे। 

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इसके बाद पोम्पिओ श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की यात्रा करेंगे। ये सभी देश अमेरिका और चीन के बीच चल रही खींचतान का शिकार हैं। बाइडेन को चीन के प्रति नरम रुख रखने वाला बताने की ट्रंप की कोशिशों ने दोनों देशों के बीच बहस को और अधिक तीखा कर दिया है। ट्रंप भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से दोस्ती के सहारे भारतीय मूल के मतदाताओं को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन इस बीच भारत को लेकर उनके एक बयान से विवाद खड़ा हो गया जब उन्होंने बृहस्पतिवार को बाइडेन के साथ बहस के दौरान जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर चीन और रूस के साथ भारत की भी आचोलना कर दी। 

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उन्होंने पेरिस जलवायु परिवर्तन से अमेरिका के बाहर निकलने का बचाव करते हुए कहा, चीन, रूस और भारत को देखिए। वहां की हवा कितनी गंदी है। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि भारतीय इसे किस तरह से लेते हैं और न ही यह कहा जा सकता है कि इससे पोम्पिओ और एस्पर मिशन पर प्रभाव पड़ेगा या नहीं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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