पोप ने रोम की जेल में बंद 12 महिलाओं के पैर धोए, अन्य कैदियों से की मुलाकात

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पोप फ्रांसिस पिछले दिनों सांस की बीमारी से जूझ रहे थे। लेकिन वह सुबह की प्रार्थना सभा में स्वस्थ दिखे और लोगों को संबोधित किया। फ्रांसिस ने अपने संबोधन में पादरियों से ‘पाखंड’ से दूर रहने का आह्वान किया।

पोप फ्रांसिस ने सेवा और विनम्रता पर जोर देने के लिए ‘पवित्र बृहस्पतिवार’ की रस्म के दौरान रोम की जेल में बंद 12 महिला कैदियों के पैर धोए और चूमे। पोप फ्रांसिस (87) ने व्हीलचेयर पर बैठे-बैठे इस रस्म को पूरा किया।

रेबिबिया जेल में महिलाएं एक ऊंचे मंच पर स्टूल पर बैठी थीं ताकि पोपव्हीलचेयर से आसानी से रस्म को पूरा कर सकें। जब फ्रांसिस ने महिलाओं के पैर धोए तो वे रो पड़ीं। पोप ने उनके पैर पर धीरे से पानी डाला और उसे एक छोटे तौलिये से थपथपा कर सुखाया। उन्होंने प्रत्येक पैर को चूमकर रस्म को पूरा किया।

इस दौरान उन्होंने महिला की ओर मुस्कुराते हुए देखा। इसके पहले स्वस्थ दिख रहे फ्रांसिस ने सेंट पीटर्स बेसिलिका में ‘पवित्र बृहस्पतिवार’ की प्रार्थना की अगुवाई की। इसके बाद उन्होंने जेल का दौरा किया और महिला कैदियों के पैर धोए।

पोप फ्रांसिस पिछले दिनों सांस की बीमारी से जूझ रहे थे। लेकिन वह सुबह की प्रार्थना सभा में स्वस्थ दिखे और लोगों को संबोधित किया। फ्रांसिस ने अपने संबोधन में पादरियों से ‘पाखंड’ से दूर रहने का आह्वान किया।

इसके साथ ही उन्होंने पादरियों से कहा कि वे आम लोगों को जो भी उपदेश देते हैं, अपने आध्यात्मिक जीवन में भी उन्हें उनका पालन करना चाहिए तथा दोनों में भिन्नता नहीं होनी चाहिए।

गुड फ्राइडे (29 मार्च) से लेकर ईस्टर (31 मार्च) तक पोप का काफी व्यस्त कार्यक्रम है। इस दौरान आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों की शुरूआत बृहस्पतिवार को ही हो जाती है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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