भड़काऊ बयान देने वाले पाकिस्तानी मौलवी कादरी ने छोड़ी राजनीति, पार्टी से भी दिया इस्तीफा
कादरी ने कहा कि हमारे 14 कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर हमारा कानूनी संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रहेगा। यह राजनीति नहीं बल्कि विश्वास का विषय है। वर्ष 2014 में मॉडल टाउन में पीएटी प्रमुख तहीरूल कादरी के घर और कार्यालयों पर पुलिस ने छापा मारा था और पुलिस की गोलीबारी में दो महिलाओं समेत 14 लोग मारे गये थे जबकि 100 घायल हुए थे।
लाहौर। भड़काऊ बयान देने वाले पाकिस्तानी मौलवी तहीरूल कादरी ने शनिवार को सक्रिय राजनीति छोड़ने का ऐलान करते हुए अपनी पार्टी पाकिस्तान आवामी तहरीक (पीएटी) के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे दिया। कनाडा में रह रहे कादरी ने वीडियो संदेश के मार्फत यह घोषणा की। लेकिन उन्होंने इस निर्णय की वजह नहीं बतायी। उन्होंने कनाडा से जारी वीडियो संदेश में कहा कि मैं पाकिस्तानी राजनीति, राजनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ पीएटी के अध्यक्ष पद से अवकाश ले रहा हूं। मैं पीएटी का नेतृत्व अपने बेटों को नहीं सौंप रहा हूं बल्कि बल्कि उसकी कमान पार्टी की परिषद के हवाले कर रहा हूं।
Pakistan Awami Tehreek (PAT) chief Dr Tahirul Qadri on Saturday announced his retirement from Pakistani politics and from his post as the party's chairman.
— Dawn.com (@dawn_com) September 14, 2019
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उन्होंने 2014 में मारे गये पीएटी के 14 कार्यकर्ताओं को इंसाफ नहीं मिलने पर निराशा भी प्रकट की। कादरी ने कहा कि हमारे 14 कार्यकर्ताओं की हत्या को लेकर हमारा कानूनी संघर्ष आखिरी सांस तक जारी रहेगा। यह राजनीति नहीं बल्कि विश्वास का विषय है। वर्ष 2014 में मॉडल टाउन में पीएटी प्रमुख तहीरूल कादरी के घर और कार्यालयों पर पुलिस ने छापा मारा था और पुलिस की गोलीबारी में दो महिलाओं समेत 14 लोग मारे गये थे जबकि 100 घायल हुए थे।
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पीएटी ने 2014 में इस्लामाबाद में तहरीक ए इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के साथ मिलकर तत्कालीन प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के प्रमुख नवाज शरीफ के सरकार विरोधी प्रदर्शन किया था। पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि कादरी बुजुर्ग हैं और फिलहाल बेरोजगार हैं। उन्होंने कहा कि कादरी ने राजनीति छोड़ दी हैं क्योंकि उन्हें वर्तमान तहरीक ए इंसाफ सरकार से निकट भविष्य में कोई जिम्मेदारी मिलती हुई नजर नहीं आ रही है। कादरी ने मई 1989 में पीएटी का गठन किय था और वह जनरल परवेज मुशर्फ के कार्यकाल के दौरान हुए आम चुनाव में 2002 में लाहौर से सांसद चुने गए।
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