सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन: मोदी ने G20 को कैसे बनाया एक सांस्कृतिक आंदोलन, सभी भारतीय हुए इसमें शरीक

G20
ANI
अभिनय आकाश । Aug 25 2023 7:58PM

नागराजन ने इस वर्ष अपने 77वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण में मोदी द्वारा युवाओं के लिए बताए गए आदर्श वाक्य - "प्रदर्शन, सुधार और परिवर्तन" की ओर इशारा किया और लिखा कि जी20 प्रक्रियाओं में जनता की भागीदारी सर्वोपरि रही है।

जी20 राष्ट्रों के प्रमुख शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 9 और 10 सितंबर को नई दिल्ली में जुटेंगे। मुख्य कार्यक्रम नजदीक आता जा रहा है।  सार्वजनिक नीति सलाहकार बानू नागराजन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 कार्यक्रमों और कार्य शिविरों के माध्यम से भारतीयों को विदेश नीति में एक सबक प्रदान किया है। ऑर्गनाइज़र में उन्होंने लिखा कि मोदी न केवल भारतीयों को दुनिया में उनकी जगह के बारे में सोचने पर मजबूर कर रहे हैं बल्कि उन्हें दुनिया के लिए सोचने पर मजबूर कर रहे हैं। नागराजन ने इस वर्ष अपने 77वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण में मोदी द्वारा युवाओं के लिए बताए गए आदर्श वाक्य - "प्रदर्शन, सुधार और परिवर्तन" की ओर इशारा किया और लिखा कि जी20 प्रक्रियाओं में जनता की भागीदारी सर्वोपरि रही है।

इसे भी पढ़ें: Prabhasakshi Exclusive: BRICS में 6 नये देशों को शामिल कर क्या संदेश दिया गया है? क्या ब्रिक्स सम्मेलन में China-Russia ने अड़ियल रुख दिखाया?

नागराजन यह भी लिखते हैं कि इस वर्ष कई आयोजनों में कई प्रतिनिधियों की मेजबानी करने का अवसर मिलने से भारतीयों को वैश्विक संस्कृति का अनुभव करने और विदेशी संस्कृतियों के साथ बातचीत करने का भी मौका मिला है। भारत की जी20 की अध्यक्षता को एक बड़ा चिंतन-शिविर या मंथन सत्र कहते हैं क्योंकि इसमें भारतीय और विदेशी दोनों प्रतिभागियों को एक-दूसरे से जुड़ने और सीखने का मौका मिला। वह भारत की जी20 की अध्यक्षता को एक बड़ा चिंतन-शिविर या मंथन सत्र बताते हैं क्योंकि इसमें भारतीय और विदेशी दोनों प्रतिभागियों को एक-दूसरे से जुड़ने और सीखने का मौका मिला।

इसे भी पढ़ें: सिकंदर के देश से 'विश्व मित्र' को बुलावा, 1983 के बाद पहली बार होगा ऐसा, कांप उठेंगे तुर्की-पाकिस्तान

वह लिखते हैं कि पेलोपोनेसियन युद्ध के बजाय, पीएम मोदी भारतीयों को अपने तरीके से अंतर्राष्ट्रीय संबंध सिखा रहे हैं। नागराजन कहते हैं, विदेश नीति का यह पाठ व्यावहारिक अनुभवात्मक मॉड्यूल के माध्यम से था, जहां भारतीयों ने इस एक वर्ष के दौरान दुनिया से जुड़कर इसके बारे में सीखा। देश द्वारा अपनाई गई G20 थीम "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" है, जो संस्कृत वाक्यांश "वसुधैव कुटुंबकम" से ली गई है - दुनिया एक परिवार है। नागराजन का कहना है कि मोदी ने दुनिया को दिखाया है कि विदेश नीति को मौलिक सोच के साथ कैसे सिखाया जा सकता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़