माली पर प्रतिबंधों के लिए संयुक्त राष्ट्र के समर्थन को रूस और चीन ने बाधित किया

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माली 2012 के बाद से इस्लामी चरमपंथ को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। एक फ्रांसीसी नेतृत्व वाले सैन्य अभियान की मदद से चरमपंथी विद्रोहियों को माली के उत्तरी शहरों से उखाड़ फेंका गया था, लेकिन वे रेगिस्तान में फिर से इकट्ठा हो गए और माली की सेना और उसके सहयोगियों पर हमले शुरू कर दिए।

संयुक्त राष्ट्र। रूस और चीन ने माली में अगले माह होने वाले चुनावों को 2026 तक टालने के फैसले के कारण देश पर नये प्रतिबंधों का समर्थन करने से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को मंगलवार को रोक दिया। माली के सैन्य नेतृत्व का चुनाव टालने का फैसला संकटग्रस्त पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र में लोकतंत्र बहाली के लिए एक झटका है। संयुक्त राष्ट्र में केन्या के राजदूत मार्टिन किमानी ने कहा कि पश्चिम अफ्रीकी क्षेत्रीय समूह ‘‘इकोवास’’ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन करने वाले, फ्रांस द्वारा तैयार प्रस्तावित मसौदा बयान पर गोपनीय तरीके से हुई चर्चा के बाद वह इस बात से “निराश” हैं कि परिषद इससे सहमत नहीं हुई।

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किमानी ने कहा कि इकोवास की कार्रवाइयों का समर्थन करने में सुरक्षा परिषद की विफलता के कारण उसके तीन अफ्रीकी सदस्यों - केन्या, घाना और गैबॉन को क्षेत्रीय गुट की स्थिति का पूरी तरह से समर्थन करने के वास्ते संवाददाताओं से बात करनी पड़ी। माली 2012 के बाद से इस्लामी चरमपंथ को रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है। एक फ्रांसीसी नेतृत्व वाले सैन्य अभियान की मदद से चरमपंथी विद्रोहियों को माली के उत्तरी शहरों से उखाड़ फेंका गया था, लेकिन वे रेगिस्तान में फिर से इकट्ठा हो गए और माली की सेना और उसके सहयोगियों पर हमले शुरू कर दिए। नागरिकों और संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षकों पर हमलों से असुरक्षा और बढ़ गई है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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