SpaceX पहली प्राइवेट कंपनी जिसने इंसानों को स्पेस में पहुंचाया

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निधि अविनाश । Jun 1 2020 2:59PM

नासा और स्पेसएक्स के बीच के इस समझौते के तहत स्पेसएक्स के रॉकेट फैल्कन 9 ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर उड़ान भरी और उड़ान भरने के 19 घंटे बाद अंतरिक्षयान निर्दिष्ट स्थान पर पहुंच गया। ये दो अंतरिक्षयात्री रॉबर्ट बेहेनकेन और डगलस हर्ले है। ये दोनों तकरीबन 110 दिन अंतरिक्ष में रहेंगे।

नासा की तरफ से अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष भेजने की खबर आपने हमेशा ही सुनी है। लेकिन क्या आपने सोचा था कि कोई बिजनेसमैन अंतरिक्षयात्रियों को अंतरिक्ष भेजेगा। नहीं न तो अब सुन लिजिए! इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है कि एक प्राइवेट कपंनी ने किसी इंसान को अतंरिक्ष भेजा है और वो सफल भी हुआ है। जी हां, जानें-मानें बिजनेसमैन एलन मस्क की स्पेस-एक्स कंपनी ने ऐसा कर दिखाया है। 31 मई को एलन मस्क की कपंनी स्पेस एक्स और अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने मिलकर अंतरिक्ष मिशन अमेरिका से सकुशल लॉन्च किया। बता दें कि ये दुनिया का पहला प्राइवेट स्पेस ह्यूमन मिशन है। नासा और स्पेसएक्स के बीच के इस समझौते के तहत स्पेसएक्स के रॉकेट फैल्कन 9 ने फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर उड़ान भरी और उड़ान भरने के 19 घंटे बाद अंतरिक्षयान निर्दिष्ट स्थान पर पहुंच गया। ये दो अंतरिक्षयात्री रॉबर्ट बेहेनकेन और डगलस हर्ले है। ये दोनों तकरीबन 110 दिन अंतरिक्ष में रहेंगे और जानकारियां जुटाएंगे।

स्पेस-एक्स क्या है?

बिजनेसमैन एलन मस्क ने अपनी स्पेस एक्स कंपनी की शुरूआत साल 2002 से की थी। बता दें कि यह कंपनी मंगल पर अर्थ की तरह ही इंसानी बस्ती बनाना चाहती है। इसी को देखते हुए कंपनी पहले इंसानो को वहा भेजकर जानकारियां जुटाना चाहती है। अगर इंसानी बस्ती बनानी है तो पहले इसांनो को मंगल पर पहुंचाना होगा। एलन के मुताबिक, नासा इस काम को बहुत स्लो कर रही है, इसलिए उनकी कंपनी इसपर अपनी रफ्तार तेज करने में जुट गई है।

 

 मिशन से नासा को होगा फायदा?

 अपने एस्ट्रोनॉट्स को अंतरिक्ष में भेजने के लिए अमेरिका को रूस और यूरोपीय देशों की मदद लेनी पड़ती थी जो अब नहीं लेनी होगी। बता दें कि 9 साल बाद इस मिशन से नासा का कॉमर्शियल क्रू प्रोग्राम फिर से शुरू हो गया है। इसकी वजह से अब अमेरिका को अपने अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस स्टेशन भेजने के लिए रूस और यूरोपीय देशों की मदद नहीं लेनी पड़ेगी। 

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