संभवत: गाज़ा के अस्पताल में विस्फोट इजराइल ने नहीं, किसी ‘अन्य टीम’ ने किया : बाइडन

अम्मान में तो गुस्साई भीड़ इज़राइली दूतावास के बाहर जमा हो गई। इस वजह से बाइडन की जॉर्डन यात्रा की योजना पर पानी फिर गया, जहां शाह अब्दुल्ला द्वितीय को फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और मिस्र के राष्ट्र अब्देल फतेह अल सीसी के साथ बैठक की मेज़बानी करनी थी। अस्पताल में विस्फोट के विरोध में अब्बास ने बैठक में आने से मना कर दिया जिसके बाद शिखर बैठक को रद्द कर दिया गया। जॉर्डन के विदेश मंत्री ऐमन सफदी ने कहा कि जंग क्षेत्र को बर्बादी के कगार पर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में विस्फोट के बाद जॉर्डन ने तीन दिन का शोक घोषित किया है। सफदी ने कहा कि सभी नेताओं से बात करने के बाद शिखर बैठक को रद्द किया गया है।
राष्ट्रपति जो बाइडन दुनिया को यह दिखाने के लिए बुधवार को इजराइल पहुंचे कि अमेरिका यहूदी लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और दावा किया कि ऐसा लगता है कि गाज़ा पट्टी के अस्पताल में विस्फोट को ‘अन्य टीम’ ने अंजाम दिया है न कि इजराइल की सेना के हमले की वजह से यह विस्फोट हुआ है। बाइडन ने एक बैठक के दौरान इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से कहा, “मैंने जो देखा है, उसके आधार पर ऐसा प्रतीत होता है कि यह काम आपने नहीं, बल्कि दूसरी टीम ने किया है।”लेकिन बाइडन ने कहा कि वहां बहुत सारे लोग थे जिन्हें नहीं पता है कि किस कारण से विस्फोट हुआ है। इस विस्फोट के बाद समूचे पश्चिम एशिया में प्रदर्शन भड़क गए हैं। बाइडन ने इस बात को लेकर कोई विवरण उपलब्ध नहीं कराया कि उन्हें क्यों लगता है कि अस्पताल में विस्फोट इजराइल के हमले की वजह से नहीं हुआ है और व्हाइट हाउस ने भी उनके दावे को लेकर तत्काल कोई जानकारी नहीं दी है।
नेतन्याहू ने बाद में बाइडन और इज़राइल की युद्ध कैबिनेट के साथ बैठक मे कहा, “ पूरी दुनिया का गुस्सा जायज़ है लेकिन यह गुस्सा इज़राइल के लिए नहीं होना चाहिए बल्कि आतंकवादियों के लिए होना चाहिए।” बाइडन की इजराइल में रुकने के बाद जॉर्डन जाने की योजना थी लेकिन अस्पताल में विस्फोट के बाद वहां अरब नेताओं के साथ शिखर बैठकों को रद्द कर दिया गया है। उन्होंने इजराइलियों द्वारा सहन की गई भयावहता के साथ-साथ गाजा में फलस्तीनी नागरिकों के लिए बढ़ते मानवीय संकट को लेकर भी टिप्पणियां की हैं। राष्ट्रपति ने नेतन्याहू से कहा कि वह अस्पताल में हुए विस्फोट की वजह से “ बहुत दुखी और नाखुश हैं।” उन्होंने जोर देकर कहा, “ हमास सभी फलस्तीनियों का प्रतिनिधित्व नहीं करता है और वह उनके लिए सिर्फ परेशानियां ही लेकर आया है।”
बाइडन ने लड़ाई के “बीच फंसे बेगुनाह फलस्तीनियों की मदद के लिए जीवन-रक्षक क्षमता को प्रोत्साहित करने के तरीके खोजने की जरूरत पर बात की। लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि सात अक्टूबर के हमले में हमास ने इजराइलियों का “ नरसंहार’’ किया है जिसमें 1400 लोगों की मौत हुई है। बाइडन ने बच्चों सहित निर्दोष इजराइलियों की हत्या की भयावहता पर विस्तार से बात की। बाइडन ने कहा, “ अमेरिकी बहुत दुखी और चिंतित हैं। बाइडन ने नेतन्याहू और इज़राइल के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान कहा,“ मैं चाहता हूं कि आप यह जान लें कि आप अकेले नहीं हैं। हम इज़राइल का समर्थन करना जारी रखेंगे, क्योंकि आप अपने लोगों की रक्षा करने के लिए काम करते हैं।” उन्होंने कहा, “ हम बेगुनाह लोगों के साथ होने वाली और त्रासदियों को रोकने के लिएआप के साथ तथा क्षेत्रभर के साझेदारों के साथ काम करना जारी रखेंगे।”
नेतन्याहू ने इजराइल आने के लिए बाइडन का आभार जताते हुए उनसे कहा कि उनकी यात्रा “ दिल को छू देने वाली है।” उन्होंने कहा, “ जब मैं कहता हूं श्रीमान राष्ट्रपति आज, कल और हमेशा इजराइल के साथ खड़े रहने के लिए धन्यवाद, तो मैं इजराइल के सभी लोगों की तरफ से बोलता हूं।” नेतन्याहू ने कहा कि बाइडन ने सभ्यता की शक्तियों और बर्बरता की ताकतों के बीच एक स्पष्ट रेखा खींची है और कहा कि इजराइल हमास को हराने के अपने संकल्प में एकजुट है। उन्होंने कहा, “सभ्य विश्व को हमास को हराने के लिए एकजुट होना चाहिए।” बाइडन की योजना हमलों के पीड़ित इजराइल के लोगों और बंधक बनाए गए लोगों के परिवारों से मिलने की भी है।नेतन्याहू ने बेन गुरियान हवाई अड्डे पर बाइडन से मुलाकात की और दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया।
इससे ठीक एक महीने से पहले वे संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक साथ बैठे थे जहां नेतन्याहू ने कहा था कि “इजराइल और सऊदी अरब के बीच ऐतिहासिक शांति” संभव लग रही है। इजराइल और उसके अरब पड़ोसियों के बीच रिश्तों को सुधार की संभावना अब धूमिल होती लगती है। सात अक्टूबर को हमास के हमलों के जवाब में इजराइल गाजा पर संभावित जमीनी आक्रमण की तैयारी कर रहा है। गाज़ा में इजराइल के हमलों में करीब 2800 फस्लीतिनियों की मौत हुई है। स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, करीब 1200 और लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। यह संख्या मंगलवार को अल अहली अस्पताल में हुए विस्फोट से पहले की है। विस्फोट का स्पष्ट कारण पता नहीं चल सका है। अस्पताल में विस्फोट के बाद समूचे क्षेत्र में प्रदर्शन भड़क गए। अस्पताल में घायल फलस्तीनियों का इलाज किया जा रहा था और उसमें लड़ाई से बचना चाह रहे लोगों को पनाह भी दी हुई थी। सैकड़ों फलस्तीनी वेस्ट बैंक के रामल्ला समेत प्रमुख शहरों की सड़कों पर उतर आए।
इसके अलावा, लेबनान के बेरूत और जॉर्डन के अम्मान में भी प्रदर्शन हुए। अम्मान में तो गुस्साई भीड़ इज़राइली दूतावास के बाहर जमा हो गई। इस वजह से बाइडन की जॉर्डन यात्रा की योजना पर पानी फिर गया, जहां शाह अब्दुल्ला द्वितीय को फलस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और मिस्र के राष्ट्र अब्देल फतेह अल सीसी के साथ बैठक की मेज़बानी करनी थी। अस्पताल में विस्फोट के विरोध में अब्बास ने बैठक में आने से मना कर दिया जिसके बाद शिखर बैठक को रद्द कर दिया गया। जॉर्डन के विदेश मंत्री ऐमन सफदी ने कहा कि जंग क्षेत्र को बर्बादी के कगार पर ले जा रही है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में विस्फोट के बाद जॉर्डन ने तीन दिन का शोक घोषित किया है। सफदी ने कहा कि सभी नेताओं से बात करने के बाद शिखर बैठक को रद्द किया गया है।
अन्य न्यूज़












