ट्रंप प्रशासन ने यात्रा प्रतिबंध पर संघीय अदालत के आदेश को चुनौती दी

Trump Administration challenged federal court order on travel ban
[email protected] । Jul 15 2017 1:29PM

ट्रंप प्रशासन ने मुस्लिम बहुल छह देशों से आने वाले यात्रियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले फैसले को कमजोर करने वाले संघीय न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

वाशिंगटन। अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने मुस्लिम बहुल छह देशों से आने वाले यात्रियों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने वाले फैसले को कमजोर करने वाले संघीय न्यायाधीश के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। संघीय न्यायाधीश ने अपने फैसले में अमेरिकी नागरिकों के परिवारों के संबंधियों की उस सूची में विस्तार किया है, जिसका वीजा प्रार्थी अमेरिका आने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।

न्याय मंत्रालय ने शुक्रवार शाम सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके हवाई के संघीय न्यायाधीश के इस सप्ताह सुनाए उस फैसले को बदलने का अनुरोध किया जिसमें यात्रा प्रतिबंध से प्रभावित लोगों की संख्या सीमित करने की बात की गई है। सुप्रीम कोर्ट में अभी ग्रीष्मकालीन अवकाश है लेकिन वह आपातकालीन मामलों की सुनवाई कर सकता है। अमेरिका जिला न्यायाधीश डेरिक वाट्सन ने इस सप्ताह आदेश दिया था कि ट्रंप प्रशासन अमेरिका में रह रहे लोगों के दादा-दादी, नाना-नानी, नाती-नातिन, पोता-पोती, बहनोई, साला, जेठ, देवर, ननद, देवरानी, जेठानी, भाभी, चाचा-चाची, मामा-मामी, भांजा-भांजी, भतीजा-भतीजी आदि और रिश्ते के भाई बहनों पर यह प्रतिबंध नहीं लगाए।

वाटसन ने अपने आदेश में कहा, ‘‘उदाहरणार्थ यह समझने वाली बात है कि निकट संबंधियों में दादा-दादी, नाना-नानी भी शामिल होते हैं।’’ अदालत ने यह भी फैसला सुनाया था कि सरकार उन शरणार्थियों को बाहर नहीं कर सकती जिन्हें अमेरिका में पुनर्वास एजेंसी से औपचारिक आश्वासन मिला है। अटार्नी जनरल जेफ सेशंस ने हवाई की अदालत के इस फैसले का विरोध करते हुए कहा कि जिला अदालत ने ऐसे निर्णय लिए हैं जो कार्यकारी शाखा के क्षेत्र में आते हैं, इसने राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर किया है, आवश्यक कार्रवाई में देरी की है, अव्यवस्था की स्थिति पैदा की है और अधिकारों के विभाजन के उचित सम्मान का उल्लंघन किया है।

उल्लेखनीय है कि इस यात्रा प्रतिबंध पर निचली अदालतों को न्यायिक बाधाओं का सामना करना पड़ा है लेकिन प्रशासन को जून में उस समय आंशिक राहत मिली जब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि वह देशों से आने वाले ऐसे कुछ लोगों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की अपनी योजना को आगे बढ़ा सकता है जो खतरनाक प्रतीत हों लेकिन अमेरिका में रहने वाले किसी व्यक्ति के करीबी संबंधी होने का विश्वसनीय दावा करने वाले लोगों को नहीं रोका जा सकता। 29 जून के इस आदेश के बाद यह अस्पष्ट था कि यह ‘‘विश्वसनीय दावा’’ कौन कर सकेगा। इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने इस वर्ग को परिभाषित करने के लिए एक सूची जारी की जिसमें माता-पिता, पति-पत्नी, बच्चों, बहु एवं दामाद, भाई-बहन और सौतेले भाई-बहन को शामिल किया गया। लेकिन हवाई के वाटसन ने फैसला सुनाया कि प्रशासन ने इस सूची में दादा-दादी, नाना-नानी और नाती-नातिन एवं पोता-पोती को बाहर रखा है जो न्यायसंगत नहीं है।

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