ट्रंप ने की नेतन्याहू से बात, सुरक्षा और स्थिरता पर चर्चा

[email protected] । Jan 23 2017 1:17PM

अमेरिका के अहम सहयोगी इजराइल के साथ करीबी संबंधों को मजबूत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की।

वाशिंगटन। अमेरिका के अहम सहयोगी इजराइल के साथ करीबी संबंधों को मजबूत करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की और उन्हें व्हाइट हाउस आने का न्यौता दिया। दोनों नेताओं ने पश्चिमी एशिया में सुरक्षा एवं स्थिरता सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा की। राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिका और इजराइल के करीबी सैन्य, खुफिया एवं सुरक्षा सहयोग संबंधों पर अमेरिका की ओर से दिए जाने वाले महत्व को रेखांकित किया। यह दोनों देशों के बीच की गहरी साझेदारी को दर्शाता है।

व्हाइट हाउस ने कहा कि ट्रंप और नेतन्याहू ईरान की ओर से पैदा खतरों से निपटने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रीय मुद्दों पर करीबी चर्चा जारी रखने के लिए सहमत हो गए। इस बातचीत के दौरान ट्रंप ने नेतन्याहू को ‘‘फरवरी की शुरूआत में व्हाइट हाउस में मुलाकात के लिए’’ आमंत्रित किया। व्हाइट हाउस ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति ने इजराइल की सुरक्षा के प्रति अपने अभूतपूर्व वादे को दोहराया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आईएसआईएल और अन्य चरमपंथी इस्लामी आतंकी समूहों से निपटना उनके प्रशासन की प्राथमिकता होगी।’’

बातचीत के दौरान ट्रंप ने इस बात पर जोर दिया कि इजराइल और फिलस्तीनियों के बीच शांति इन दोनों पक्षों के बीच प्रत्यक्ष बातचीत के जरिए ही स्थापित हो सकती है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इजराइल के साथ करीबी ढंग से काम करेगा। ट्रंप ने नेतन्याहू को फरवरी की शुरूआत में व्हाइट हाउस में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया है। नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान में उन्होंने ट्रंप के साथ हुई इस बातचीत को बेहद गर्मजोशी से भरा हुआ बताया। ट्रंप के शपथग्रहण के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली बातचीत है। एक दिन पहले ही ट्रंप ने मेक्सिको और कनाडा के नेताओं से फोन पर बात की थी।

पूर्व राष्ट्रपति ओबामा के कार्यकाल में इजराइल और अमेरिका के बीच रिश्तों में तल्खी आ गई थी क्योंकि दिसंबर में अमेरिकी प्रशासन संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव में अनुपस्थित रहा था। इस प्रस्ताव ने पूर्वी यरूशलम और वेस्ट बैंक में बस्तियों के निर्माण को अवैध करार दिया था। ट्रंप ने अपने चुनाव अभियान के दौरान संकल्प लिया था कि वह अमेरिकी दूतावास को तेलअवीव से हटाकर यरूशलम ले आएंगे। फिलस्तीनी लोग यरूशलम को अपनी राजधानी बताते हैं। हालांकि वहां किसी भी देश का इजराइली दूतावास नहीं है।

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