UN ने ‘नॉर्ड स्ट्रीम’ में विस्फोट की जांच का रूस का आग्रह ठुकराया

UN rejects Russias request
प्रतिरूप फोटो
Google Creative Commons

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए यह जरूरी है कि उसके पक्ष में परिषद के 15 सदस्यों में से नौ का वोट मिले तथा किसी भी स्थायी सदस्य द्वारा ‘वीटो’ का इस्तेमाल नहीं किया जाए।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने रूस से, बाल्टिक सागर होते हुए यूरोप को प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने वाली पाइपलाइन में हुए विस्फोट की जांच करने के रूस के आग्रह को सोमवार को नामंजूर कर दिया। रूस, चीन और ब्राज़ील ने रूस के आग्रह के पक्ष में मत दिया लेकिन सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्य मतदान के दौरान गैर हाजिर रहे। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा किसी प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए यह जरूरी है कि उसके पक्ष में परिषद के 15 सदस्यों में से नौ का वोट मिले तथा किसी भी स्थायी सदस्य द्वारा ‘वीटो’ का इस्तेमाल नहीं किया जाए।

अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस परिषद के स्थायी सदस्य हैं। अमेरिका के उप राजदूत रॉबर्ट वूड ने कहा कि जब स्वीडन, डेनमार्क और जर्मनी मामले की व्यापक, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच कर रहे हैं तब संयुक्त राष्ट्र द्वारा छानबीन की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जांच का यह आग्रह, मौजूदा राष्ट्रीय जांच के काम को बाधित करने और उनके किसी भी निष्कर्ष को पक्षपाती बताने का प्रयास है तथा यह मांग सच सामने लाने की कोशिश कतई नहीं है। पाइपलाइन को नॉर्ड स्ट्रीम 1 और और नॉर्ड स्ट्रीम 2 के तौर पर जाना जाता है। इसमें अधिकतर हिस्सेदारी रूस की सरकारी ऊर्जा क्षेत्र की बड़ी कंपनी गजप्रोम के पास है। इन लाइन में पिछले साल 26 सितंबर को विस्फोट हुआ था। यूरोपीय राष्ट्रों की जांच अब तक किसी भी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है या कम से कम उन्हें अब तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़